भागलपुर में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर 10 छात्रों को दिया गया सम्मान

Rashtriya Balika Diwas

भागलपूर राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बालिका सम्मान उत्सव समारोह भागलपुर के कला केंद्र में समग्र सेवा के द्वारा मनाया गया। जिसमें छात्राओं के साथ अभिभावक भी मौजूद थे जिसमें सम्मान समारोह में 10 बच्चों को सम्मान भी दिया गया। समग्र सेवा के शशि ने बताया कि आज वैसे 10 छात्रों को सम्मान दिया गया जो शिक्षा पाने में असमर्थ हैं आगे भी समग्र सेवा के द्वारा बच्चों को इस तरह का सम्मान दिया जाएगा।

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

भारत में राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है. दरअसल इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर 24 जनवरी 1966 को शपथ ली थी और महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण लोगों के सामने पेश किया था. तब देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब कोई महिला प्रधानमंत्री बनीं थीं.

इसलिए राष्‍ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर 24 जनवरी के दिन को चुना गया और साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई. तब से ये दिन हर साल 24 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है.

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का मकसद

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का मकसद समाज में बेटियों को लेकर हो रहे भेदभाव को दूर करना और उन्‍हें बराबरी का दर्जा दिलाना है. ये दिन बेटियों को उनकी शक्ति, सामर्थ्‍य के साथ उन्‍हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने का दिन है. बेटियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सशक्‍त बनाने के लिए भारत सरकार भी तमाम प्रयास कर रही है.

इसके लिए बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, सुकन्‍या समृद्धि योजना, महिला सम्‍मान बचत पत्र जैसी तमाम योजनाएं चलाती है. इसके अलावा तमाम राज्‍यों में भी बेटियों के लिए कई तरह की स्‍कीम्‍स चलाई जा रही हैं.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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