बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने गुरुवार को बताया कि बिहार में साइबर अपराधके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल के द्वारा लगातार साइबर ठगी पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई की जा रही है. वहीं लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन फिर भी लोग साइबर ठगी के शिकार हो जा रहे हैं।
हालिया दिनों में ही 100 ऐसे एप्लीकेशन को बंद करने का आवेदन केंद्र सरकार को भेजा गया है. जिस एप्लीकेशन के माध्यम से साइबर ठग लोन देने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. वहीं ऐसे 4000 नंबर को भी बंद कराया गया है।
ADG ने बताया ने बताया कि बिहार में ऑनलाइन शॉपिंग की कंपनी के नाम पर भी ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. कंपनी से आईफोन के आर्डर करने मामले में डिलीवरी तिथि को फर्जीवाड़ा किया गया. ठगोंं ने असली आईफोन के बदले डमी आईफोन डिलीवरी बॉय के द्वारा धोखाधड़ी की।
आर्थिक आपराध के अधिकारी के द्वारा तकनीकी सहायता से पुलिस ने डिलीवरी बॉय बनकर उनको रंगे हाथ पकड़ा. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा जन्मतिथि एवं नाम बदलकर बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन में मार्कशीट में अंक बढ़ाकर जाली सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश किया गया।
उन्होंने बताया कि साइबर ठगी व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर ऑनलाइन वर्क करने का झांसा देकर मैसेज भेजने का काम करते हैं. बदले में अच्छा इनकम देने के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह के विरुद्ध केस दर्ज कर अनुसंधान की गई. इसमें आठ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया. वहीं विभिन्न कांडों में 62 मोबाइल 10 पेन ड्राइव एक हार्ड डिस्क एक लैपटॉप तथा कई स्कैनर मशीन को भी पकड़ा गया।
ADG ने बताया कि ‘बिहार में बढ़ते साइबर अपराध को देखते बिहार के प्रत्येक जिला रेल थाना सहित साइबर पुलिस थाना खोला गया है. जिसमें कुछ 44 साइबर थाना खोला गया है. वहीं 300 से अधिक प्राथमिक की भी दर्ज की गई है. साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का भी आयोजन अप्रैल 2021 से जुलाई 2023 तक सभी श्रेणी के 502 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है. वही बिहार में बिहार साइबर अपराध समन्वय केंद्र की भी स्थापना की गई है. जिसमें 49 पद मुख्यालय स्तर पर एवं 365 पद रेंज लेवल पर यानी 405 पदों का गठन किया जा रहा है।