एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि नौकरियों का वादा कर एजेंटों द्वारा ठगे गए 12 भारतीय युवकों को वापस लाने के लिए वह कदम उठाए। ओवैसी ने उन युवकों की पीड़ा का जिक्र किया जिन्हें नौकरी का वादा कर रूस ले जाया गया और उन्हें कथित तौर पर यूक्रेन के साथ सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से युवकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूसी सरकार से बातचीत करने का अनुरोध किया। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के युवकों को पिछले साल दिसंबर में रूस ले जाया गया था।
उन्होंने कहा, “भारत के 12 युवकों को एजेंटों द्वारा धोखा दिया गया और नौकरी का वादा कर उन्हें रूस ले जाया गया। एजेंटों ने कहा था कि उन्हें (बेरोजगार युवकों को) भवन सुरक्षा की नौकरी दी जाएगी, लेकिन धोखा देने के बाद उन्हें रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्ध मैदान में ले जाया गया।’’
ओवैसी ने क्या कहा?
ओवैसी ने कहा कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने उनसे मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर और रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर को पत्र लिखकर युवकों को भारत वापस लाने में मदद का अनुरोध किया है।
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करती रहेगी कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बनें। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बनें। हमने 2014 और 2019 (लोकसभा चुनाव) में प्रयास किया था और हम 2024 में भी प्रयास करेंगे। हमें उम्मीद है कि देश के लोग महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देंगे। किसान परेशान हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भाजपा ने बहुसंख्यकवादी राजनीति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने भाजपा और मोदी पर मुसलमानों, ईसाइयों, दलितों और आदिवासी लोगों को राजनीतिक और सामाजिक रूप से हाशिए पर रखने का आरोप लगाया।