Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

14 या 15 जनवरी, साल 2024 में कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति? जानें सही डेट और मुहूर्त

ByLuv Kush

जनवरी 5, 2024
IMG 8016 jpeg

इस बार मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन बना हुआ है. लोग इस असमंजस में पड़े की आखिर इस साल मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी। आइए यहां जानते हैं मकर संक्रांति की सही डेट और शुभ मुहूर्त।

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का बहुत अधिक महत्व है. इस पर्व को पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मकर संक्रांति का पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव को समर्पित है. इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन पड़ता है. यानि कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल यह पर्व 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है. वहीं इस बार मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन बना हुआ है. लोग इस असमंजस में पड़े की आखिर इस साल मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी. आइए यहां जानते हैं मकर संक्रांति की सही डेट और शुभ मुहूर्त।

मकर संक्रांति 2024 तिथि 

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. आपको बता दें कि जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

मकर संक्रांति 2024 शुभ मुहर्रत

सूर्य गोचर 2024 – 15 जनवरी 2024 को सूर्य देव सुबह 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

मकर संक्रांति पुण्यकाल – सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर  06 बजकर 21 मिनट तक

मकर संक्रांति महा पुण्यकाल शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक

मकर संक्रांति 2024 महत्व 

मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में सूर्य देव की पूजा करना चाहिए. इस दिन गंगा स्नान, दान, तप, जप का भी विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन इन कार्यों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वहीं ऐसी भी मान्यता है कि  मकर संक्रांति के दिन पानी में काले तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करने से जातक की कुंडली से ग्रह दोष दूर होते हैं. इसके साथ ही सूर्य देव भी जमकर अपनी कृपा बरसाते हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading