एक किशोर की सूझबूझ से समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर शनिवार की सुबह हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार होने से बच गयी। रेल की टूटी पटरी देख एक किशोर ने सूझबूझ का परिचय दे गमछा हिला ट्रेन को रुकवाया। जिससे रेल हादसा टल गया।
करीब एक घंटा विलंब से चल रही बाघ एक्सप्रेस शनिवार की सुबह 9.44 बजे समस्तीपुर स्टेशन पहुंची। उसके बाद 10.02 बजे आगे के लिए खुली। स्टेशन से आगे बढ़ने पर भोला टाकीज गुमटी से आगे अप लाइन पर रेल की पटरी टूटी हुई थी। उसी समय न्यू कॉलोनी निवासी मो. शकील का 14 वर्षीय पुत्र मो. शाहबाज रेल लाइन होकर अपने घर जा रहा था। उसकी टूटी पटरी पर नजर पड़ी। उसी समय स्टेशन की ओर से आ रही ट्रेन भी दिखी। उसने अपने गले में लपेटा रंगीन गमछा हिलाना शुरू कर दिया। उसे गमछा हिलाते देख ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तब तक ट्रेन की तीन बोगी टूटी पटरी पार कर चुकी थी।
ट्रेन रोकने के बाद लोको पायलट विद्यासागर नीचे उतरे और किशोर से गमछा हिलाने का कारण पूछा तो उसने पटरी टूटी होने की जानकारी दी। तब तक ट्रेन के गार्ड अरुण कुमार दुबे भी पहुंच चुके थे।
लोको पायलट व गार्ड ने टूटी पटरी देखने के बाद विभाग को सूचना दी। जिसके बाद ट्रैक मेंटनेंस टीम पहुंची और पटरी की मरम्मत की। तब ट्रेन आगे बढ़ी। मरम्मत के कारण ट्रेन करीब 45 मिनट रुकी रही।