पटना। जमीन के कागज का पन्ना फट गया है या दीमक चाट गया है, तो भी जमीन सर्वे के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति के लिए 15 तरह के कागजात मान्य किए गए हैं। इसकी जानकारी पहले ही लोगों को दी जा चुकी है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने विधानपरिषद में भाकपा एमएलसी संजय कुमार सिंह के सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। इस दौरा सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। भाकपा एमएलसी ने कहा कि रैयतों को काफी परेशानी हो रही है। जमीन का खतियान काफी पुराना है। कागज के अधिकांश हिस्से नष्ट हो चुके हैं।
इसके साथ ही बंटवारे के बाद भी दाखिल-खारिज की समस्या को लेकर विभाग के लोग परेशान कर रहे हैं। इसके जवाब में मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि जमीन के मामले काफी विवादित हैं। थाने में दर्ज ज्यादातर मामले जमीन से जुड़े हैं। अगर सर्वे सफल रहा तो भाई-भाई का झगड़ा खत्म हो जाएगा। इसलिए सर्वे होना आवश्यक है। बंगाल, ओडिशा ने भी सर्वे करवा लिया है। इसमें सीएम नीतीश कुमार वर्ष 2012 से ही लगे हैं। दस हजार विशेष सर्वेक्षण अमीन की बहाली की गई है। इसके बाद भी जब समस्या हुई तो तीन महीने का समय बढ़ाया गया है।
47 लाख परिवारों ने दिए कागजात
उन्होंने कहा कि 47 लाख परिवार ने खुद ही जमीन के कागज विभाग को उपलब्ध कराए हैं। पन्ना फटने या दीमक चाटने पर 15 तरीके बताए गए हैं। जबतक बिहार की एक-एक जनता को कागजात उपलब्ध नहीं हो जाता, तब तक परेशान नहीं होने दिया जाएगा।