बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में, केंद्र ने हालात से निपटने के लिए हर संभव सहायता का आश्‍वासन दिया

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बिहार में कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और कमल बलान सहित उफनती नदियाँ कई स्थानों पर बाढ़ का कहर बरपा रही हैं। कोसी और गंडक नदियों से पानी छोड़े जाने के बाद, सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज के कई निचले इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्‍य के 16 जिलों में चार लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं। कोसी क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा के पास बाढ़ के कारण रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

केंद्र सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए बिहार सरकार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कल पटना में बिहार में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। श्री राय ने कहा कि राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल-एनडीआरएफ की 11 टीमों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है और आठ टीमों को रिजर्व में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्‍य के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वायुसेना बाढ़ पीड़ितों को एयरलिफ्ट करने और राहत सामग्री प्रदान करने में मदद करेगी।

बिहार में बाढ़ की भयानक स्थिति को देखते हुए रांची और वाराणसी से राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल की छह अतिरिक्‍त टीम लाई गई है। इन अतिरिक्‍त टीमों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले से मौजूद राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल के 12 और राज्‍य आपदा मोचन बल के 22 टीमों में शामिल किया गया है।

गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और महानदी में पानी के अधिक दबाव के कारण बांधों में दरार आने और रिसाव की कई घटनाएं हुई हैं। जल संसाधन विभाग बांधों की मरम्‍मत का काम कर रहा है। जल संसाधन विभाग के मुख्‍य सचिव संतोष कुमार मल्‍ल ने कहा कि बांधों के आसपास रात-दिन गश्‍ती की जा रही है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान तेज कर दिया गया है। बाढ़ के बाद विस्‍थापित हुए लोगों को समुदाय रसोई में तैयार भोजन दिए जा रहे हैं।

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