16 साल की लड़की ने 110 दिनों का किया कठिन उपवास, सिर्फ पीती थी पानी; पढ़े कैसे छोटी उम्र की लड़की ने किया सभी को हैरान
मुंबई के कांदिवली (वेस्ट) में एक गुजराती परिवार की 16 साल की छोटी लड़की लगातार तीन महीने और 20 दिनों तक बिना भोजन के रही और 110 दिनों का कठिन उपवास (Jain Girl 110 Day Fast) पूरा किया. इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए परिवार ने एक भव्य उत्सव का आयोजन किया. जैन धर्म के विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि कुछ साधुओं और साध्वियों ने ऐसी तपस्या की है, लेकिन एक कम उम्र की लड़की के लिए इतने लंबे समय तक उपवास रखना बहुत बड़ी बात है. कृशा शाह (Krisha Shah) के इतने लंबे उपवास का सफर 11 जुलाई को 16 दिनों के व्रतों की प्रतिज्ञा के साथ शुरू हुआ था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कृशा ने उपवास शुरू करने की अनुमति के लिए अपने गुरु मुनि पद्मकलश महाराज से संपर्क किया. उन्होंने केवल सुबह 9 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच उबले हुए पानी का सेवन करने का फैसला किया. उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई, इसलिए उन्होंने इस उपवास को 10 जुलाई तक बढ़ाने का फैसला किया. कृशा के पिता जिगर शाह एक स्टॉकब्रोकर हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं. वह उस परिवार की दो बेटियों में बड़ी हैं, जिसकी जड़ें मेहसाणा जिले के सालदी गांव में हैं. शाह परिवार ने कहा कि इस मेगा व्रत से पहले जब कृशा नौ साल की थी, तब उसने आठ दिन का उपवास किया था और जब वह 14 साल की थी, तब उसने 16 दिन का उपवास किया था.
कृशा के गुरुओं को उनके लंबे उपवास को पूरा करने का भरोसा था लेकिन इस बार मामला अलग था. 26 दिनों के बाद उन्होंने 31 दिनों का लक्ष्य रखा. इसके तुरंत बाद लक्ष्य 51 दिनों में बदल गया. पवित्र पर्यूषण माह में अपना व्रत सफलतापूर्वक 51 दिन पूरा करने के बाद उन्होंने फिर से 20 दिन के उपवास का संकल्प लिया. उनकी मां रूपा ने कहा कि इस उपवास के बीच 40 दिनों तक वह कॉलेज भी जा रही थी. कृशा शाह कांदिवली के केईएस कॉलेज में 11वीं कक्षा की छात्रा हैं.
कृशा के 71 दिनों के उपवास के बाद उनके गुरुओं को भरोसा था कि वह 108 दिनों का कठिन लक्ष्य हासिल कर सकती हैं. जबकि परिवार को संदेह था. परिवार ने कहा कि तीन महीने के बाद कृशा को भी यकीन नहीं था कि वह आगे बढ़ पाएगी या नहीं, लेकिन गुरुओं को उस पर भरोसा था. उन्होंने कहा कि सभी गुरुओं का आशीर्वाद उसके साथ था. इस तरह उसने खुद को आगे बढ़ाया और 110 दिनों का उपवास पूरा किया.
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