विदेशी मेहमानों में भी अब अपने पूर्वजों के प्रति मोक्ष की कामना के लिए प्रदान करने का प्रचलन बढ़ा है. हर साल विदेशी तीर्थ यात्री गया जी पहुंचकर अपने पितरों की मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान कर रहे हैं. इस बार भी रूस, यूक्रेन, अफ्रीका सहित कई देशों के करीब विदेशी मेहमानों ने शहर के देवघाट पर पिंडदान किया है. स्थानीय पंडा के द्वारा पूरे विधि विधान से पिंडदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई.
160 विदेशी तीर्थयात्रियों ने किया पिंडदान: सात समुंदर पार से विदेशियों का जत्था गया जी पहुंचा. स्थानीय पंडा अरविंद कटिरयार ने बताया कि रसिया सहित 17 देश से आए 160 की संख्या में रहे विदेशी मेहमानों ने पिंडदान कर्मकांड किया है. इनका सनातन धर्म में विश्वास बढ़ा है, यही वजह है कि ये पिंडदान कर्मकांड करने के लिए गयाजी पहुंचे हैं, स्थानीय पंडा मुनीलाल कटिरयार के द्वारा पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया संपन्न कराई गई है. इनमें मुख्य रूप से अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन और यमन से विदेशी तीर्थ यात्री शामिल हैं.
“रूस, यूक्रेन, अफ्रीका सहित कई देशों के करीब 160 विदेशी तीर्थयात्री गया पहुंचकर शहर के देवघाट पर पिंडदान किया है. स्थानीय पंडा के द्वारा पूरे विधि विधान से पिंडदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई.” -अरविंद कटिरयार, स्थानीय पंडा
17 देश से आए तीर्थयात्री पहुंचे गया: वहीं स्थानीय पंडा अरविंद कटिरयार ने बताया कि रसिया सहित 17 देश से आए विदेशी मेहमानों ने पिंडदान कर्मकांड किया है. मुख्य रूप से 3 पिंडवेदियों पर इन लोगों ने पिंडदान किया है. पितरों की मोक्ष कामना को लेकर ये लोग गयाजी पहुंचे हैं और पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. पूरे विधि विधान से पिंडदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई है. वर्तमान समय में यह देखा गया है कि पिंडदान कर्मकांड में विदेश से आने वाले लोगों की आस्था बढ़ी है.