20 घंटे से ज्यादा समय शहर भ्रमण के बाद विसर्जित हूई माँ बुढ़िया काली

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भागलपुर में मां काली की प्रतिमा का विसर्जन बुधवार को देर रात कालीघाट में बने कृत्रिम तालाब में हो गया। सबसे पहले बुढ़िया काली परबत्ती की प्रतिमा का विसर्जन हुआ। महज पांच से छह किलोमीटर की दूरी तय करने में इस प्रतिमा को 22 घंटे का समय लगा। प्रतिमा का विसर्जन शाम छह बजे हुआ। इसके बाद नया टोला, रजक काली, साहेबगंज, उर्दू बाजार, नया बाजार का विसर्जन हुआ। परबत्ती पूजा समिति के अध्यक्ष ज्योतिष मंडल ने बताया कि मां की आरती बूढ़ानाथ, आदमपुर व विसर्जन घाट में की गयी। यहां रथ पर संरक्षण कामेश्वर यादव सवार थे। प्रतिमा के आगे चार अलग-अलग ग्रुपों ने लाठी, भाला, तलवार आदि के कर्तव्य दिखाये।

उन्होंने बताया कि बुधवार की अहले सुबह कोतवाली चौक के पास पांच बजे टायर पंक्चर होने की वजह से विसर्जन में कुछ समय लगा। इसके बाद बूढ़ानाथ, आदमपुर होते हुए प्रतिमा कालीघाट शाम चार बजे पहुंच गयी थी। शाम छह बजे तक मां की प्रतिमा विसर्जित की गयी। मंगलवार की देर रात परबत्ती की बुढ़िया काली व बूढ़ानाथ की बमकाली की प्रतिमा का मिलन कराया गया। परबत्ती चौक पर प्रतिमा मंगलवार को शाम आठ बजे पहुंची थी। इस बाद विसर्जन शोभायात्रा शुरू हुई। स्टेशन चौक पर देर रात प्रतिमा लगभग 1230 पहुंची थी। इस मौके पर धनंजय यादव, लालू मंडल, राम विलास गोस्वामी, राजा मंडल, संतोष यादव, वीरभद्र जीतू आदि पदाधिकारी थे।यहां दोनों महासमितियों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। नयी कमेटी के सदस्यों ने स्टेशन चौक पर पुराने महासमिति के पदाधिकारियों पर आरोप भी लगाये थे। उधर पुरानी कमेटी के पदाधिकारी अंतिम प्रतिमा बमकाली के साथ चल रहे थे। संरक्षक कमल जयसवाल ने बताया कि विसर्जन में कई पदाधिकारियों को अलग-अलग प्रतिमाओं के साथ पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। ब्रजेश साह, डॉ. आनंद मिश्रा, विनय कुमार सिन्हा, कन्हैया लाल आदि मौजूद थे।

खलीफाबाग चौक पर पूजा के लिए उमड़ी भीड़

खलीफाबाग चौक पर बमकाली की पूजा के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार को देर रात एक बजे प्रतिमा खलीफाबाग चौक पहुंच गयी थी। मेढ़पति ठाकुर मोहित सिंह ने बताया इसके बाद विसर्जन की परंपरा को निभाई गयी और अंतिम प्रतिमा के रूप में बुधवार को शाम चार बजे विसर्जन के लिए निकली। इस दौरान लोगों ने मां के पैर धोये और प्रसाद चढ़ाये। कई महिलाओं के बीच सिंदूर बांटा गया। मां का अंतिम दर्शन के लिए काफी भीड़ उमड़ी थी। उधर जरलाही की प्रतिमा भी लोगों को खूब आकर्षित कर रही थी। यह प्रतिमा खलीफाबाग चौक पर शाम चार बजे से पहले पहुंची थी। मौके पर संजीव, सुखी, आर्या, समीर आदि मौजूद थे।

लोदीपुर से पहुंचे थे कई लोग

लोदीपुर की प्रतिमा भी विसर्जन शोभायात्रा में साथ चल रही थी। पूर्व जिप सदस्य अरविंद मंडल, राजीव मंडल, संजीव मंडल, समिति के अध्यक्ष भोला प्रसाद, मेढ़पति शिवनंदन तांती, पूर्व मेढ़पति गौतम चौधरी, रमण कुमार, रतन कुमार आदि थे। हसनगंज की प्रतिमा का विसर्जन गंगटा पोखर में हुआ।

देर रात प्रतिमा का विसर्जन

सूबे की सबसे प्रसिद्ध भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के रामपुर खुर्द पंचायत के 32 फीट की बहवलपुर बमकाली की प्रतिमा का विसर्जन बुधवार देर रात दो बजे के चंपानदी घाट पर किया गया। मेढ़पति अजय कुमार सिंह, पूजा समिति के अध्यक्ष पप्पू यादव सहित पुलिस व समिति के सदस्य रहे।

बड़े तालाब में विसर्जन को लेकर कुछ समितियां अड़ीं

भागलपुर। काली प्रतिमा विसर्जन के लिए मुसहरी घाट पर दो कृत्रिम तालाब बनाया गया था। बुधवार को शुरू में बड़े तालाब में प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। शाम होते ही प्रतिमाओं की लंबी कतार लग गयी तो अधिकारियों ने छोटे तालाब में भी प्रतिमा विसर्जित करने को कहा। बताया जा रहा है कि कुछ पूजा समितियां बड़े तालाब में ही प्रतिमा विसर्जित करने पर अड़ गयी। इसके चलते कुछ समय विसर्जन नहीं हो सका। सूचना पर विसर्जन घाट पर एसडीएम धनंजय कुमार, सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी, ट्रैफिक डीएसपी आशीष कुमार सिंह आदि पहुंचे। एसडीओ ने बताया कि छोटे तालाब में प्रतिमा विसर्जित नहीं करने के चलते लंबी कतार लग गयी थी।

मूर्ति आगे बढ़ाने को ले झड़प

विसर्जन को लेकर बुधवार की रात बरारी के मायागंज के पास दो पूजा समिति के सदस्यों के बीच मारपीट हो गई। इस विवाद के कारण एक पूजा समिति के सदस्यों ने अपनी प्रतिमा को दो घंटे तक रोक रखा। अधिकारियों ने पूजा समिति के सदस्यों को समझा कर विसर्जन करने के लिए तैयार किया।

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