मिड डे मील खाने से 200 बच्चे बीमार, रसोइया के मना करने पर भी खिलाया ‘जानलेवा’ आहार
बिहार के बगहा में मिड डे मिल का भोजन खाने से 200 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए थे. बताया जा रहा है कि रसोइया ने जब खाना टेस्ट किया तो उसने प्रधान शिक्षक को कड़वा स्वाद होने की बात बताई, बावजूद इसके हेडमास्टर की ओर बच्चों को खाना खिलाने के लिए कहा गया. इस मामले की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे बीजेपी विधायक ने भी अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप लगाया है. घटना के बाद प्रधान शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और खाने के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है।
200 से ज्यादा बच्चों की बिगड़ी तबियत: सोमवार को बगहा अनुमंडल क्षेत्र में उस समय अफरातफरी मच गई जब मिड डे मील का भोजन खाने से 200 से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ गई. इन सभी बच्चों को बगहा अनुमंडल अस्पताल के अलावा रामनगर और भैरोगंज के उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. दोपहर 3:30 के बाद बगहा से रामनगर तक के इलाकों में एंबुलेंस के सायरन गूंजते रहे।
400 बच्चे आए थे स्कूल: बता दें कि भैरोगंज थाना क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय टोला परसौनी में मिड डे मील का खाना खाने के बाद सभी बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी. बताया जा रहा है कि विद्यालय में 443 बच्चे नामांकित हैं, जिसमें से तकरीबन 400 बच्चे उपस्थित थे. इस दौरान किसी एक वर्ग के बच्चों को खाना नहीं दिया गया था. वहीं अन्य कक्षा के बच्चों ने भोजन कर लिया था।
रसोइया ने टेस्ट किया था खाना: स्कूल में खाना खाने के कुछ देर बाद बच्चों को पेट दर्द के साथ उल्टियां शुरू हुई और चक्कर आने लगा. इसकी सूचना जब ग्रामीणों को मिली तो पूरा गांव स्कूल पर पहुंच गया और फिर एंबुलेंस से बच्चो को अस्पताल पहुंचाया जाने लगा. विद्यालय की रसोइया मीना कुंवर ने बताया कि सबसे पहले उसने खाना टेस्ट किया था. जिसके बाद खान ठीक नहीं लगने के बाद उसने इसकी जानकारी हेडमास्टर को दी थी, फिर भी बच्चों को ये खाना परोसा गया।
“मुझे सब्जी कड़वी लगी और कुछ अलग स्वाद आ रहा था, जिसके बाद मैंने सभी शिक्षकों समेत प्रधान शिक्षक को बताया लेकिन प्रधान शिक्षक ने कहा कि बच्चों को खाना खिलाओ. इसके बावजूद मैंने कुछ बच्चों को सिर्फ दाल चावल हीं परोसा. कुछ देर बाद जिन बच्चों ने सब्जी खाई थी, उनके साथ मेरी भी तबियत बिगड़ गई. मेरे अलावा तीन अन्य रसोइया भी कार्यरत हैं.”-मीना कुंवर, रसोइया
सब्जी से आया किरासन तेल और पेट्रोल का टेस्ट: बच्चों ने बताया कि जब उन्होंने खाना खाया तो सब्जी से किरासन तेल और पेट्रोल जैसा स्वाद आ रहा था. कुछ बच्चों ने थोड़ी बहुत सब्जी खाई और कुछ ने छोड़ दिया. जिसके बाद उन्हें उल्टी और पेट दर्द शुरू हो गया और चक्कर आने लगा. फिर एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. बता दें कि रामनगर उपस्वास्थ्य केंद्र में तकरीबन 90 बच्चे एडमिट कराए गए, जिसमें से तीन को जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया गया. वहीं करीब एक दर्जन बच्चों का इलाज भैरोगंज उप स्वास्थ्य केंद्र में किया गया।
हम लोगों को जब खाना दिया गया तो सब्जी से किरासन तेल और पेट्रोल जैसा स्वाद आ रहा था. बहुत सारे बच्चों ने थोड़ी सी सब्जी खाई लेकिन इसके बाद भी पेट दर्द और उल्टियां शुरू हो गई.”- छात्र
दो बच्चियों की हालत गंभीर: वहीं बचे हुए 96 बच्चों का उपचार के लिए अनुमंडल अस्पताल बगहा भेजा गया. जहां दो बच्चियों की हालत गंभीर थी, अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर केबीएन सिंह ने बताया कि “4 बजे से अस्पताल में बच्चों का आना शुरू हुआ. सबका इलाज कर उन्हे घंटों ऑब्जरवेशन में रखा गया. जब बच्चों की तबियत सामान्य हुई तो उन्हे कुछ दवा देकर एंबुलेंस से वापस घर भेजा गया.”
अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप: अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराने के दौरान लोगों और अभिभावकों की हुजूम उमड़ पड़ी थी. डॉक्टरों के अलावा नगर थाना के पुलिस कर्मी भी बच्चों का सहयोग करते और उन्हे सांत्वना देते दिखे. बगहा से बीजेपी विधायक राम सिंह काफी बिफरे हुए नजर आए. उन्होंने पिछले साल जून में एनजीओ के द्वारा चलाए गए मिड डे मील से 200 से ज्यादा बच्चों के बीमार पड़ने का हवाला देते हुए कहा की बगहा में यह दूसरी बार ऐसी घटना घटी है. यह अधिकारियों की उदासीनता है।
“प्रशासन और विभागीय अधिकारियों ने पहले की घटना से सबक नहीं ली और आज भी उदासीन बनी हुई है. खाने की गुणवत्ता की जांच नहीं की जाती है. यही वजह है कि इस तरह की घटना फिर से हुई है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच कर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है.”-राम सिंह, बीजेपी विधायक, बगहा
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