राज्य में अभी 208 युवा क्लीनिक का संचालन हो रहा है। कई और युवा क्लीनिक को अपग्रेड भी किया जा रहा है। इनमें 10 से 19 आयु के किशोर-किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं। किशोरों को इस कार्यक्रम का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले इसके लिए राज्य के 14 जिलों में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। बीते साल युवा क्लीनिकों में 1 लाख 9 हजार 356 किशोर-किशोरियों ने परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं लीं। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में किशोर एवं किशोरियों की अच्छी खासी तादाद है। स्वास्थ्य विभाग के इसी प्रयास के तहत राज्य के 10 जिलों (किशनगंज, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्वी चंपारण, अररिया, शिवहर, जमुई, गया, पूर्णिया) में चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, सदर अस्पताल,एवं प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक युवा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। वहीं 11 जिलों (औरंगाबाद, बांका, भोजपुर, दरभंगा, मुंगेर, नवादा, नालंदा, सारण, वैशाली, पटना एवं पश्चिम चंपारण) में सदर अस्पताल एवं चयनित सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर युवा क्लीनिक की स्थापना की गयी है।
युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर जोर
युवा क्लीनिक के तहत 10 से 19 आयु के किशोर-किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं। पांडेय ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोर स्वास्थ्य से जुड़े छह मुद्दों पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य,गैर संचारी रोग,नशावृति की रोकथाम, लिंग आधारित हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दिया जाता है।
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