प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मालासेरी मंदिर में पैसा या लिफाफा डालने का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिखा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को मालासेरी में भगवान श्री देवनारायण के मंदिर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने पूजा-अर्चना भी की थी, जो गुर्जर समाज का एक बड़ा मंदिर है। हालांकि, इसके बाद देश भर में एक नई बहस छिड़ी, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दान पेटी में लिफाफा डाला और उसमें से 21 रुपये निकले। हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राजस्थान दौरे पर गईं, तो उन्होंने यही कहा कि प्रधानमंत्री ने लिफाफे में 21 रुपये डाले थे। अब इसे लेकर मालासेरी मंदिर के महंत हेमराज पोसवाल का बयान सामने आया है, जो उस दौरान पीएम मोदी के साथ मौजूद थे और उन्होंने सारा घटनाक्रम देखा।
“मंदिर समिति ने कभी ऐसा नहीं कहा”
महंत हेमराज पोसवाल ने बताया, “भगवान श्री देवनारायणजी के मंदिर में दर्शन के लिए प्रधानमंत्री आए हुए थे। मैंने भी वहां प्राकृतिक चीजें बताई थीं। वो मेरे आगे चल रहे थे, मैं पीछे चल रहा था। उन्होंने दान पात्र में कुछ राशि डाली। हमने प्रमाणित नहीं किया कि प्रधानमंत्री ने इसमें लिफाफा डाला और ना मंदिर समिति ने कभी ऐसा कुछ कहा। अब मीडिया में कहा से खबर आई कि प्रधानमंत्री ने इसमें लिफाफा डाला और वो हमारे नाम से खबर लगा दी, जबकि हमने कभी इसे लेकर कुछ कहा ही नहीं।”
“कैसे पता चलेगा कि ये प्रधानमंत्री का नोट है”
उन्होंने कहा, “पीएम ने दान पात्र में राशि डाली थी। राशि कितनी थी ये तो दान पात्र में मिक्स हो गई। जब दान पेटी खुली तो ये कैसे पता चलेगा कि ये प्रधानमंत्री का नोट है।” मालासेरी मंदिर के महंत ने इंडिया टीवी को बताया कि राजनीतिकरण करना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पैसा डाला था, लेकिन ये कितना था, ये कैसे पता चलेगा, क्योंकि नोट सारे मिक्स हो गए। लिफाफा शब्द कहां से आया, ये मैं पूछता हूं। प्रियंका गांधी ने मुझसे तो नहीं पूछा, ना ही मैंने बताया, ये धर्म के नाम पर राजनीति क्यों?
क्या था लिफाफा विवाद?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी 2023 को भगवान श्री देवनारायणजी के 1111वें ‘अवतरण महोत्सव’ के समारोह में शामिल होने पहुंचे। इसे लेकर बहस छिड़ी थी कि पीएम मोदी ने मंदिर में रखे दान पात्र में एक लिफाफा डाला था। दानपात्र खुलने के बाद उसमें से तीन लिफाफे निकले। एक लिफाफे से 2100, दूसरे 101 और तीसरे में 21 रुपये थे। मंदिर कमेटी को लेकर जो बात कही गई, उसमें कहा गया कि पीएम मोदी ने दान पात्र में जो लिफाफा डाला वह सफेद रंग था, उसमें से 21 रुपये निकले हैं।