बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 26 हजार किमी सड़कें बनेंगी

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बिहार प्रदेश में 26 हजार किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा। इसके अलावा 1600 नये पुल-पुलियों का भी निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को इसकी घोषणा की। वे विभागीय सभागार में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के पहले इनका निर्माण कर लिया जाएगा। अर्थात नवंबर 2025 के पहले सड़क और पुल-पुलिये बन जाएंगे।

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। बीते मंगलवार को कैबिनेट ने इसी क्रम में दो अहम फैसले किये। इनमें मुख्यमंत्री ग्रामीण लड़क उन्नयन योजना को विस्तार देना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को फिर से चालू करने का निर्णय शामिल है। इससे ग्रामीण सड़कों व पुल-पुलियों के निर्माण में न केवल तेजी आएगी बल्कि हजारों बसावटों को संपर्क पथ मिल सकेगा।

600 नये पुल-पुलियों के निर्माण की योजना ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष तक 10 हजार किलोमीटर सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। इसके साथ ही 13 हजार नयी सड़कों के निर्माण की भी योजना है। इसके अलावा तीन हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण विभिन्न चरणों में है।

इसी तरह एक हजार पुल-पुलियों के निर्माण पर काम चल रहा है जबकि 600 नये पुल-पुलियों के निर्माण की भी योजना है।

संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग देगा मंजूरी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए योजनाओं की स्वीकृति जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग द्वारा ही की जाएगी। लेकिन, निर्माण की जिम्मेवारी अलग-अलग होगी। इसके अंतर्गत 100 मीटर तक के पुल-पुलियों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा, जबकि इससे अधिक लंबे पुलों का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा कराया जाएगा। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों विभाग का केवल एक पुल ही गिरा है। एक पुल का सैंट्रिंग असामाजिक तत्वों द्वारा हटा दिया गया था। वहां निर्माण स्थल को लेकर दो गुटों में विरोध था। इस अवसर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख भागवत राम और श्रीप्रकाश मौजूद रहे।

अवसर 231 सहायक अभियंता नियुक्त होंगे

विभाग में 231 सहायक अभियंता को गेट्स स्कोर पर बहाल किया जाएगा। विभाग में काफी काम बढ़ा है, इसलिए मानव संसाधन को बढ़ाया जाएगा। यह नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर होगी। विभाग में सहायक अभियंता के 883 स्वीकृत पद हैं। इनमें 507 कार्यरत हैं। इस प्रकार 231 पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अनुशंसा भेजी गयी है। जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती है तब तक 231 सहायक अभियंताओं को नियोजन पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी अपनी सहमति दे दी है।

6823 पुलों को मरम्मत की जरूरत

ग्रामीण कार्य विभाग के 46099 पुल-पुलिया हैं। इनमें 37414 अच्छी स्थिति में हैं, जबकि 6823 पुलों को मरम्मत की जरूरत है। इस पर योजना बनाकर काम किया जा रहा है। शीघ्र ही सारे पुल दुरुस्त होंगे। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बनायी जा रही है।

अब ग्रामीण क्षेत्रों में जो भी सड़क बनेंगी, वे बगैर पुल-पुलियों के नहीं होंगी। निर्माण योजना में दोनों को समान रूप से शामिल किया जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि पुल-पुलिये बन गए और सड़क नहीं या फिर सड़क बन गए और पुल-पुलिये नहीं। अब इस तरह की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। विभाग को इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं जहां सड़कों का निर्माण किया गया है लेकिन पुल-पुलियों का नहीं। इसी तरह कई ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलिये बनकर तैयार हो चुके हैं, लेकिन उनसे जुड़ी सड़कों का निर्माण नहीं किया गया है।

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