मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बनी तो 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया।
बिहार में अब इनकी संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिनसे एक करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है और 26 हजार गठित भी हो चुके हैं, जिनसे तीन लाख जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री मंगलवार को किशनगंज जिले में प्रगति यात्रा के क्रम में जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने किशनगंज को 514 करोड़ की सौगात दी और 235 योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन किया
।मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 से ही हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया। तब से निरंतर राज्य को आगे बढ़ाने में लगे हैं। वर्ष 2005 से पहले बिहार का हाल बुरा था। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। बिहार में अब शांति एवं सौहार्द्र का वातावरण है। कहीं भी डर या भय का माहौल नहीं है। आज हमने कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है तथा लोगों से बात भी की है। पूरे बिहार में निरंतर विकास के काम बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से वंचित नहीं है।