उन्होंने ऐलान किया कि बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट खोले जाएंगे. साथ ही पटना एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी. बता दें कि लगातार बिहार में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे विकसित करने की योजना की घोषणा की है.
“बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट खोले जाएंगे. इन सुविधाओं से भविष्य में यहां विमान आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा. इसके अलावा बिहार के हवाई यात्रा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों के तहत पटना हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार किया जाएगा.”–निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
क्या है ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट?: ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का मतलब ये है कि किसी ऐसी जमीन पर एयरपोर्ट का निर्माण करना, जहां पहले से कोई निर्माण न हुआ हो. एक खाली जमीन और अविकसित जमीन पर ही इसे बनाया जाता है. दरअसल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण किसी शहर में पहले से मौजूद एयरपोर्ट पर भीड़ को कम करने के उद्देश्य से किया जाता है.
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट से बढ़ेंगी सुविधा: बिहार में फिलहाल 15 एयरपोर्ट है, जिसमें पटना स्थित एयरपोर्ट बिहार का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है और बिहटा में एक और एयरपोर्ट प्रस्तावित है. निर्मला सीतारमण ने बिहार में दो ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा है कि बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि राज्य की भावी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके. यह पटना एयरपोर्ट और बिहटा में डॉउन फील्ड एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार के अलावा होंगे.
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री: बता दें सामान्य तौर पर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण शहर से दूर किया जाता है. अर्थशास्त्री डॉक्टर विद्यार्थी विकास का मानना है कि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को स्वीकृति इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ा कदम है. ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में पर्यावरण का ख्याल रखा जाता है. आवागमन सुलभ होने से वाणिज्य व्यापार को भी लाभ होने वाला है.
“ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ा कदम है. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. वहीं आवागमन सुलभ होने से वाणिज्य व्यापार को भी लाभ होगा.” -डॉ. विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री
मिथिलांचल के किसानों के लिए सौगात: वित्त मंत्री ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा है कि पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा. वित्त मंत्री ने पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की भी घोषणा की है.
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