महाकुम्भ के दूसरे और सबसे बड़े स्नान- मौनी अमावस्या पर मंगलवार की देर रात लगभग 1:30 बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई। इस अप्रत्याशित भीड़ के दबाव की वजह से अखाड़ा मार्ग की बैरिकेडिंग टूट गई और जमीन पर लेटे और बैठे लोगों पर श्रद्धालुओं की भीड़ चढ़ गई। लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। हादसे में घायल 90 श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा गया। इनमें 30 की मौत हो गई। मृतकों में 25 की शिनाख्त हो सकी है।
बुधवार देर शाम डीआईजी वैभव कृष्ण और मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि मौनी अमावस्या के दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का महाकुम्भ में आने का सिलसिला जारी था। वहीं, एक दिन पूर्व मंगलवार को सुबह से लेकर देर रात तक जनसैलाब मेला क्षेत्र की ओर से बढ़ता रहा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु संगम पर अखाड़ा मार्ग के बगल स्थित मार्ग पर लेटे और बैठे ब्रह्ममुहूर्त का इंतजार कर रहे थे।
इसी बीच अचानक श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ा और अखाड़ा मार्ग की बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे वहां भगदड़ मच गई। मात्र दस मिनट में वहां भयावह मंजर सामने आ गया। लोगों के कपड़े, जूते, बैग, कंबल सब बिखरे पड़े मिले। मृतकों में चार कर्नाटक के हैं, असम व गुजरात के एक-एक के अलावा यूपी और अन्य प्रदेशों के लोग शामिल हैं। हादसे की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को राहत व बचाव के निर्देश दिए।
हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.