33 सांसदों को लोकसभा के शीतकालीन सत्र से किया गया निलंबित? जानें सस्पेंड होने की वजह
लोकसभा में हंगामा करने के आरोप में विपक्षी दलों के 30 सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन को विशेषाधिकार नोटिस आने तक सस्पेंड किया गया है. निलंबित सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, टीआर बालू और दया निधि मारन शामिल हैं.
यह कदम बुधवार (13 दिसंबर) को संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के लगातार विरोध के बाद उठाया गया है. इन सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में पेश किया था. विपक्षी सांसदों के विरोध को देखते हुए फिलहाल लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया है.
निलंबित सांसदों के नाम
आज सस्पेंड हुए सांसदों में, कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन अपरूप पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहमद बशीर, जी सेल्वल्म अन्नादुरई, टी सुमति, अधीर रंजन चौधरी, के नावस्कनी, के रविरस्वामी, प्रेम चंद्रन, शताब्दी रॉय, सौगात रॉय, असीथ कुमार, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटोनी, पल्ली मणिकम, प्रतिभा मंडल, काकोली घोष, सुनील मंडल के मुरली धारन और अमर सिंह के नाम शामिल हैं.
वहीं, जिन 3 सांसदों को विशेषाधिकार कमेटी की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किए किया गया है उनमें अब्दुल खालिक, विजय बसंत और जयकुमार का नाम शामिल हैं. इससे पहले गुरुवार (14 दिसंबर) को 13 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को संसद में अनियंत्रित आचरण के लिए निलंबित कर दिया गया था.
सबसे ज्यादा डीएमके के सांसद हुए निलंबित
पार्टीवार बात करें तो सबसे ज्यादा सांसद डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के निलंबित हुए हैं. दोनों पार्टी के नौ-नौ सांसदों को सस्पेंड किया गया है. वहीं, कांग्रेस के 8 सांसद सस्पेंड हुए हैं. इसके अलावा IUML के 2 और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) का एक-एक सांसद का निलंबन हुआ है.
‘सांसदों का निलंबन रद्द किया’
निलंबन को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पिछले कई दिनों से हम मांग कर रहे हैं कि हमारे सांसदों का निलंबन रद्द किया जाए और गृह मंत्री सदन में बयान जारी करें.
विरोध की राजनीति कर रहा विपक्ष
वहीं, केंद्रीयमंत्री एसपी सिंह बघेल ने का कहना है कि संसद पर जारी गतिरोध का समाधान विपक्ष के पास है. वे (संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर) जांच रिपोर्ट का इंतजार करें. सरकार दोनों सदनों में कानून बना रही है और विपक्ष केवल विरोध की राजनीति कर रहा है.
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