इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के बीच गत दो महीने से जारी युद्ध में तत्काल मानवीय युद्धविराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खारिज हो गया है। दरअसल, अमेरिका ने शुक्रवार को यूएनएससी के इस प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर दिया। अपने इस कदम के साथ वाशिंगटन राजनयिक रूप से अलग-थलग हो गया क्योंकि वह अपने सहयोगी की रक्षा कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तेरह अन्य सदस्यों ने गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम के लिए संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पेश प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि ब्रिटेन अनुपस्थित रहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को 15 सदस्यीय परिषद को इस दो महीने लंबे युद्ध से होने वाले वैश्विक खतरे के बारे में औपचारिक रूप से चेतावनी दी थी और इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की थी। इसके बाद यूएनएससी में यह प्रस्ताव आया और मतदान हुआ।
यूएई ने अमेरिका के कदम पर जतायी निराशा
संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने अमेरिका के इस कदम पर निराशा जताते हुए यूएनएससी से पूछा कि अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं? वास्तव में, हम दुनिया भर में उन नागरिकों को क्या संदेश दे रहे हैं जो खुद को कभी इन्हीं समान परिस्थितियों में पा सकते हैं? संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे केवल हमास को फायदा होगा।
हमास को शांति और द्वी-राष्ट्र समाधान में दिलचस्पी नहीं
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत और उप स्थायी प्रतिनिधि रॉबर्ट ए वुड ने कहा कि ऐसा करना अगले युद्ध के लिए बीज बोने जैसा होगा। अमेरिका एक स्थायी शांति का दृढ़ता से समर्थन करता है जिसमें इजरायल और फलस्तीनी दोनों शांति और सुरक्षा में रह सकते हैं। हम तत्काल युद्धविराम के आह्वान का समर्थन नहीं करते क्योंकि हमास को शांति और द्वी-राष्ट्र समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं है। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अगर इजरायल ने आज एकतरफा हथियार डाल दिए, जैसा कि कुछ सदस्य देशों ने आह्वान किया है तो हमास ऐसे ही अपने मंसूबों को अंजाम देता रहेगा।
हमास ने की अमेरिकी वीटो की निंदा
तत्काल मानवीय युद्धविराम की बजाय वाशिंगटन नागरिकों की सुरक्षा के लिए युद्ध में अस्थायी सीजफायर का समर्थन कर रहा है और 7 अक्टूबर को इजरायल पर घातक हमले में हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों की रिहाई का पक्षधर है।
वहीं हमास ने अमेरिका के इस कदम की निंदा की है। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम गाजा में युद्धविराम की मांग वाले मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिकी वीटो की निंदा करते हैं। यह अनैतिक और अमानवीय कदम है। इज्जत-अल-रेशिक समूह के राजनीतिक सदस्य ने कहा कि अमेरिका युद्धविराम में बाधा डाल रहा है। यह हमारे लोगों की हत्या और उनके नरसंहार में शामिल होने जैसा है।
गाजा युद्ध में अब तक 17,487 मौतें
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूएई की ओर से पेश तत्काल मानवीय युद्धविराम मसौदे में पर्याप्त संशोधन की पेशकश की थी, जिसमें 7 अक्टूबर के हमास हमलों की निंदा भी शामिल थी, जिसके बारे में इजरायल का कहना है कि इसमें 1200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस बीच हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को इजरायली हमलों में 350 लोगों के मारे जाने की सूचना दी और कहा कि गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17,487 हो गई है।