नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में बाढ़ का बड़ा खतरा मंडराने लगा है. नेपाल की सीमा से लगे पश्चिमी चंपारण जिले के भी कई इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. गंडक बराज के गेट पहले ही खोल दिए गये हैं और फिलहाल 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है।
‘पूरी तरह तैयार है जिला प्रशासन’: इस संबंध में जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि अभी गंडक बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है लेकिन शाम तक नेपाल के देवघाट से पानी आने के बाद 6 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो सकता है. ऐसे में कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गयी है।
” जिले के जितने भी तटीय इलाके हैं, गंडक के किनारे पहाड़ी नदिया हैं या नेपाल की सहायक नदियां हैं, उन सभी नदियों के किनारों के गांव जो निचले इलाके में बसे हुए हैं, उन गांव के लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की लगातार अपील की जा रही है. माइकिंग हो रही है. जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी लगे हुए हैं. नावों के परिचालन पर तुरंत रोक लगाने के लिए एसपी बगहा से भी बात की गयी है.”- दिनेश कुमार राय, जिलाधिकारी
उफान पर नदियांः बता दें कि गंक बराज के अधिग्रहण क्षेत्र नेपाल में भारी बारिश और बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात के कारण पश्चिमी चंपारण जिले में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. नेपाल से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. जिस कारण जिले में बाढ़ का खतरा पूरी तरह से बढ़ गया है. गंडक बारात से लगातार पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. शाम होते होते 6 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज करने की संभावना है. ऐसे में जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।