उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद से करीब 41 मजदूर उसमें फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को पिछले 8 दिनों से रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अबतक इसमें सफलता नहीं मिली है। एक तरफ जहां 41 मजदूरों जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें रेस्क्यू करने के कई प्रयास असफल हो चुके हैं। एक खबर के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई ऑगर मशीन ने 17 नवंबर को काम करना बंद कर दिया। इसके बाद इंदौर से एक नई मशीन मंगाई गई जिसे अब सुरंग के भीतर 200 मीटर अंदर तक ले जाया जा रहा है। अब मलबे में सामने के बजाय ऊपर से ड्रिलिंग किया जाएगा, ताकि मलबे को आसानी से हटाया जा सके। बता दें कि 19 नवंबर को सिलक्यारा टनल के अंदर का एक वीडियो आया है। इस वीडियो के मुताबिक टनल में खाने की सामग्री पहुंचाने के लिए 6 इंच का पाइप डाल दिया गया है। इस पाइप के जरिए अंदर फंसे मजदूरों के लिए जरूरत के सामान भेजा जा रहा है।
मलबे फंसे मजदूरों पर क्या बोले पुष्कर सिंह धामी
इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम उपलब्ध सभी संभावनओं पर काम कर रहे हैं। सभी प्रकार की विशेषज्ञ टीमें यहां काम कर रही हैं। पीएम मोदी की निगरानी में हम लगातार काम कर रहे हैं। सभी की जान हमें बचाना है। हमारी पहली प्राथमिकता यही है। इसके लिए राज्य सरकार की सभी एजेंसियां हर संभव मदद देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि जल्द से जल्द उन्हें बचाया जाए, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।’ बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हालात का जायजा लेने के लिए वहां पहुंच चुके हैं।
पीएमओ के अधिकारी का दौरा
बता दें कि अबतक टनल के अंदर 70 मीटर में फैले मलबे में 24 मीटर छेद किया जा चुका है जो कि आधा भी नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुरंग के अदंर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए अब सुरंग के दाएं व बाएं हिस्से में इस्केप टनल बनाया जाएगा और सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी। इसके लिए पहाड़ियों को चिन्हित किया गया है। वहीं सुरंग के दाएं-बाएं हिस्से से टनल बनाने का काम शुरू हो गया है। बता दें कि 18 नवंबर को पीएमओ के उपसचिव मगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने भी घटनास्थल का दौरा किया था।