पटना। केंद्र सरकार ने बिहार में लगभग एक हजार करोड़ की बिजली परियोजनाओं की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। शुक्रवार को दिल्ली में ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल के साथ बिहार बिजली कंपनी के अधिकारियों का बैठक में इन परियोजनाओं की मंजूरी मिली।
इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार है। जल्द ही इसके लिए केंद्र सरकार से राशि मांगी जाएगी। केंद्र की स्वीकृति के साथ ही पटना शहर में 10, जबकि राज्य के अन्य शहरों में 35 यानी कुल 45 नए पावर सब-स्टेशन बनने का रास्ता साफ हो गया।
राज्य में हर घर बिजली पहुंच गई। शहरी इलाके में 23-24 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 20-22 घंटे बिजली रह रही है। मगर अधिक दूरी पर पावर सब-स्टेशन होने से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इस कारण ही कंपनी ने निर्णय लिया है कि बिहार में औसतन 30-35 किलोमीटर की दूरी पर एक सब-स्टेशन का निर्माण हो। कंपनी ने राज्य में 35 नए सब-स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है।
वहीं राजधानी पटना में दानापुर, फुलवारीशरीफ से लेकर पटना सिटी के बीच नई-नई दर्जनों कॉलोनी बस चुकी हैं। इसे देखते हुए कंपनी ने पेसू यानी शहरी इलाके में 10 नए पावर सब-स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है। भागलपुर के पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई बनाई जानी है। बीते दिनों बिहार सरकार ने इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने का जिम्मा एक एजेंसी को दिया था। उसकी रिपोर्ट आ गई है। पीरपैंती में 24 सौ मेगावाट का बिजली घर बनाने के लिए केंद्र पहले ही राशि जारी कर चुका है। शुक्रवार की बैठक में इस नए बिजली घर के निर्माण पर भी मुहर लग गई।
बैठक में नॉर्थ व साउथ बिहार में स्काडा का निर्माण होना है। इसके लिए 176 करोड़ की योजनाओं की मंजूरी मिल गई। वाल्मीकिनगर के थरूहट इलाके में 30-32 गांवों को सोलर बिजली दी जा रही है, लेकिन बैट्री कमजोर होने से यहां अक्सर बिजली आपूर्ति की शिकायत सामने आते रहती है। कंपनी ने इन सभी गांवों को ग्रिड से बिजली देने का निर्णय लिया है।