सीतामढ़ी के 5 मजदूर जॉर्डन में फंसे, ना भोजन नसीब हो रहा ना पानी, सरकार से लगा रहे वतन वापसी की गुहार
सीतामढ़ी के 5 मजदूर जॉर्डन में फंसे हुए हैं। काम कराने के बाद कंपनी ने पैसा नहीं दिया है। अब भारत लौटने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। वतन वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार से सभी मजदूर गुहार लगा रहे हैं। सरकार से मदद की गुहार लगाते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें मजदूर रोते वतन लौटने की इच्छा जता रहा है। इन मजदूरों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इन्हें वहां ना तो खाना मिल रहा है और ना ही पानी ही नसीब हो रहा है।
जॉर्डन में फंसे मजदूरों में सीतामढ़ी के बथनाहा गांव का जुनैद बैठा भी वहां फंसा हुआ है। उसने बताया कि दो महीने से कंपनी बंद है और वह मजदूरों को वापस इंडिया नहीं भेज रहा है। मजदूरों से काम कराने के बाद एक भी पैसा नहीं दिया है। उनके सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। वो बिना खाए पीये यहां समय काट रहे हैं।
जॉर्डन में 120 भारतीय मजदूर फंसे हुए हैं हम सभी अपने घर जाना चाहते हैं। यहां बंगाली और नेपाली भी फंसे हुए हैं। बिहार के सीतामढ़ी जिले के 5 मजदूर भी यहां फंसे हुए हैं। जॉर्डन में फंसे सीतामढ़ी के मजदूरों ने बताया कि दो महीने पहले यहां फैक्ट्री बंद हो गयी है जिसके कारण उन्हें रहने और खाने में दिक्कत हो रही है।
वही वहां की पुलिस उन पर जुल्म ढा रही है और मजदूरों की पिटाई की जा रही है। वह अपने घर भारत लौटना चाहते हैं। जॉर्डन में फंसे लोगों में बिहार के सीतामढ़ी सहित यूपी के लोग भी शामिल हैं। उन लोगों का आरोप है कि भारतीय दूतावास से संपर्क करने पर भी उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें भारत सकुशल बुला लिया जाए जो लोग सीतामढ़ी के जॉर्डन में फंसे हैं उनमे सुप्पी प्रखंड के बभनगामा रामनगर निवासी मोहम्मद कुर्बान जो 16 फरवरी 2022 को जॉर्डन गया था।
वही राजेश कुमार 28 अगस्त 2021 को जॉर्डन गया था। वही राजू कुमार 15 अगस्त 2023 को जॉर्डन गया था जबकि मोहम्मद जाकिर 30 अक्टूबर 2019 को और बथनाहा प्रखंड के चौधरी टोला निवासी 28 वर्षीय जुनैद बैठा 28 अगस्त 2021 को जॉर्डन गया था। सभी ने वीडियो जारी कर सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है। वही इनके परिजन भी काफी चिंतित हैं।
सीतामढ़ी के मजदूरों ने जॉर्डन से एक वीडियो भेजा है जिसमें मजदूर यह कह रहा है कि हम लोग यहां भूखे मर रहे हैं…कोई पूछने तक नहीं आता है। कंपनी का मालिक भी हाल देखने नहीं आता है। हर रोज रोड पर आकर खड़े हो जाते हैं। ना खाना मिलता है और ना पीने के लिए पानी ही मिलता है। हम लोगों को भारत बुलाने की कोशिश की जाए सर। हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं सरकार हमलोगों की मदद की जाए। घर जाने के लिए तड़प रहे हैं हमलोगों को यहां कोई देखने वाला नहीं है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.