पूर्णियां में अमौर और बैसा जैसे प्रखंडों में कनकई ,महानंदा ,दास, बकरा और परमान जैसी नदियों के उफान पर आ जाने से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। बाढ़ के पानी के तेज बहाव में बैसा और अमौर की 5 सड़कें कट कर बह गई हैं। इसमें वैसा प्रखंड की 3 सड़कें और अमौर प्रखंड की 2 सड़कें शामिल हैं।
इससे 16 से अधिक गांवों की करीब 30 हजार की आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। सड़कें जो बाढ़ के पानी में बह गई इनमें मुख्य रूप से फुलेश्वरी से हारना, रायबेर से प्रसादपुर, बरडीहा से खाता टोली, झौंवाटोली से चटांगी, भसना चौक से पीपरा गांव तक जाने वाली ग्रामीण सड़क शामिल है।
2021 में ही कट गई थी सड़क
बैसा के प्रखंड प्रमुख मोहम्मद शमीम अख्तर ने बताया कि इससे पहले 2021 में ही बाढ में यह सड़क कट गई थी। मरम्मती को लेकर कई बार ग्रामीण विभाग को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। इस बार फिर यह सड़क करीब 100 मीटर तक कट गई, जिसके कारण आवागमन बाधित है। इस गांव में कनकई नदी का पानी गांव के सैकड़ों घरों में घुस गया। हर तरफ जलप्रलय की स्थिति दिख रही है। सड़कों पर पानी की तेज धारा बह रही है।
कुछ ऐसे ही हालात बायसी प्रखंड में भी बने हुए हैं। सुगवा महानन्दपुर पंचायत के झौंवाटोली से चटांगी गांव में मुख्य सड़क कट गयी है। इस सड़क से रोज़ाना हजारों लोग आते-जाते हैं। आसजा गांव के जनता हाट के पास भी सड़क के ऊपर से पानी बह रहा है। परमान नदी में डेंजर लेवल से अधिक पानी बहने के कारण धूरपैली पंचायत के भसना चौक से पीपरा गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क पुल के ऊपर करीब 3 फीट पानी बहने के कारण पुल का एप्रोच कट रहा है। पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण 3 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
पीड़ितों ने जिला प्रशासन से लगाई है गुहार
वहीं इससे डरे लोगों ने उंचे जगहों पर शरण लिया है। सैलाब की मार झेल रहे पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। करीब ऐसे ही हालात अमौर प्रखंड के कई निचले इलाकों में बसे गांवों की है, जहां बाढ़ के कारण कई घरों में पानी घुस गया है। ऐसे में माल मवेशी की सुरक्षा उनके लिए बड़ी चुनौती बन गई है। वहीं कई जगहों पर तेजी से कटाव जारी है।