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अमर सिंह चमकीला की दोहरे अर्थ वाले 5 सुपरहिट गाने, छुप-छुपकर सुनते थे लोग, हत्या के बने कारण

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इम्तियाज अली की फिल्म ‘चमकीला’ की रिलीज के बाद, अमर सिंह चमकीला के गाने को लेकर युवाओं में उत्सुकता बढ़ गई है. राह चलते कोई-न-कोई उनके गाने बजाते या गाते हुए मिल जाते हैं. अगर ये गाने इतने ही खराब थे, तो लोग उन्हें क्यों सुन रहे हैं? यहां फिल्म में उस बुजुर्ग महिला की बात अनायास याद आ जाती है, जो कहती है, ‘अश्लीलता सबके अंदर है. सब मर्द औरतों के बारे में लगभग एक जैसा सोचते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि चमकीला ने अपने गानों से उसे कह दिया, बाकी मर्द नहीं कह पाए.’

इम्तियाज अली ने ‘मिड-डे’ को इंटरव्यू में अमर सिंह चमकीला पर कहा था कि उन्होंने ऐसी बातें कहीं, जो समाज में स्वीकार्य नहीं हैं, पर उन्होंने महिलाओं को कभी गलत तरीके से पेश नहीं किया. महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा चंचल होती हैं और उनकी चंचलता संगीत और गानों के जरिये बयां होती है, जिन्हें वह खूब एन्जॉय करती हैं.

80 के दौर में अमर सिंह चमकीला के गानों की कैसेट दोहरे अर्थों की वजह से घरों-परिवारों में वर्जित थे, फिर भी वे हर जगह मौजूद थे. लेकिन उस दौर में दूसरे गायक भी अश्लील गाने गा रहे थे, फिर उन्हें अकेले सजा क्यों मिली? दरअसल, चमकीला के पास दूसरों के मुकाबले कहीं ज्यादा दौलत और शोहरत थी. प्रतिद्वंद्वी उनसे जलते थे.

यह भी कहा जाता है कि निचली जाति के शख्स की लोकप्रियता को कई लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने अपने करियर के पीक पर एक साल में 350 से ज्यादा लाइव परफॉर्मेंस दी थीं. चमकीला का भले लोक परंपराओं में जिक्र न हो, पर वे पॉपुलर संगीत-साहित्य के प्रतिनिधि बन गए थे, जिन्होंने लोगों के मिजाज के हिसाब से गाने लिखे और गाए. आइए, अमर सिंह चमकीला के 5 विवादित गानों के बारे में जानते हैं, जो उनकी हत्या की बड़ी वजह बने.

शिखर दुपहरे नहुंदी सी
कहते हैं कि जब अमर सिंह चमकीला अमृतसर में कट्टरपंथियों से माफी मांगने के लिए पहुंचे थे, तब समुदाय ने उनके इस गाने का जिक्र करके ऐसे गीत लिखने और गाने से मना किया था.

मित्रां मैं खंड बन गई
अमर सिंह चमकीला ने यह गाना तब लिखा था, जब पंजाब में कई कट्टरपंथी समुदाय धर्म के नाम पर नशा, विवाहेत्तर संबंधों, साफ-सुथरा समाज बनाने का उपदेश देते थे.

पहली ललकारा नाल
अमर सिंह चमकीला का यह बेहद पॉपुलर गाना है, जिसमें आशिक अपनी शराब और ड्रग्स की लत के लिए, अपनी प्रेमिका को दोष देता है. दिलचस्प बात है कि वे प्यार के जरिये समाज की विसंगतियों को बयां करते थे.

‘बापू साडा गुम हो गया’, ‘मार लो होर ट्राई वे इक वारी जीजा’ और ‘अटे वांगु गुंती‘ भी चमकीला के पॉपुलर गाने हैं, जो अपने दोहरे और अश्लील अर्थों के चलते विवादों में रहे.

अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की कट्टरपंथियों ने मार्च 1988 में हत्या कर दी थी. कहते हैं कि चमकीला की हत्या के बाद करीब एक दशक तक किसी पंजाबी सिंगर ने अश्लील और दोहरे अर्थों वाले गाने नहीं गाए. इम्तियाज अली ने अपनी फिल्म ‘चमकीला’ से उन्हें एक बार फिर लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया है.


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Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

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