कोसी बराज के खोले गए 56 गेट; टूट सकता है 56 साल का रिकॉर्ड

GridArt 20240928 220136248

पटना। नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की जा रही है।पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को चार लाख, 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं।

उधर, नेपाल के नारायणघाट से भी छह लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

टूट सकता है 1968 का रिकॉर्ड

कोसी बराज से कोसी का डिस्चार्ज 5.57 लाख क्यूसेक रिकार्ड किया गया है। बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। तटबंध के अंदर बसी आबादी को बाहर आने और ऊंचे तथा सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को कहा जा रहा है।

56 साल पूर्व 1968 में बराज से सर्वाधिक 9,13,000 क्यूसेक जलस्राव का रिकार्ड दर्ज है। कोसी में हाई अलर्ट है। अत्यधिक जलस्राव को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है।

मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल कोसी बांध और बराज पर कोई खतरा नहीं है। विभाग के सभी अधिकारी मुस्तैदी से लगे हुए हैं। तटबंध पर पूरी निगरानी बरती जा रही है।

पश्चिम चंपारण में उफान पर पहाड़ी नदियां

पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज में पंडई, मनियारी, हरबोड़ा, बिरहा, गांगुली, कटहा सहित दर्जन भर नदियां उफान पर हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए शनिवार को वाल्मीकिनगर में प्रस्तावित इंडो-नेपाल बार्डर डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेशन मीटिंग स्थगित कर दी गई।

डगमारा में डायवर्जन के ऊपरी पुल पर चढ़ा बाढ़

इधर, मधुबनी से सटे कोसी बराज से दोपहर तक 5.49 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लौकही में तिलयुगा नदी के डगमारा में डायवर्जन के ऊपरी पुल पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। प्रशासन द्वारा लोगों से ऊंची स्थान पर शरण लेने का आग्रह किया जा रहा है। शनिवार की सुबह मस्जिदों से माइक के माध्यम से भी लोगों से आग्रह किया गया।

शिवहर में बागमती का रौद्र रूप

शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नदी वर्तमान में लाल निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। निचले इलाकों में पानी फैल रहा है। सीतामढ़ी में भी बागमती, लालबकेया, झीम व रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

सुपौल में तबाही मचा रहा बाढ़ का पानी

सुपौल के छातापुर में सुरसर, गैड़ा व मिरचैया आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है, जिससे सैकड़ों एकड़ लगी फसल जलमग्न हो गई है। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के ढोली गांव में बांध टूटने से कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है।

किसनपुर प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे गांव मौजहा, दुबियाही होते हुए तटबंध के 57.20 किमी तक जाने वाली मुख्य सड़क जगह-जगह टूट गई है। तटबंध के अंदर बसे सभी स्तर के विद्यालय बंद कर दिए गए हैं।

सुपौल के डीएम कौशल कुमार का कहना है कि तटबंध के अंदर के लोगों को सुरक्षित स्थान जाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। किशनगंज और अररिया से गुजरने वाली महानंदा, मेची, कनकई, रतुआ, नूना, परमान, पनार, बकरा आदि नदियों में भी बाढ़ आ गई है।

अररिया में NH-327(E) से 1 मीटर ऊपर बह रहा बाढ़ का पानी

अररिया के सिंघिया में सड़क कट जाने और पड़रिया में रेलवे पुल निर्माण शिविर में पानी घुस जाने से परेशानी बढ़ गई है। नेशनल हाइवे 327ई अररिया-बहादुरगंज मार्ग पर कनकई नदी का पानी एक से डेढ़ फीट तक बह रहा है।

गोपालगंज में भी हाई अलर्ट जारी

गोपालगंज जिले में वाल्मीकिनगर बराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। प्रशासन की ओर से लगातार बढ़ते डिस्चार्ज लेबल को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है। सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.