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बिहार में अभियंताओं के 56 फीसदी पद खाली, काम व गुणवत्ता प्रभावित, 14 हजार पद स्वीकृत मगर 7918 पद खाली

राज्य में अभियंताओं का घोर अभाव है। सरकार के नौ कार्य विभागों में काम करने वाले अभियंताओं की वास्तविक संख्या स्वीकृत पद 14013 की तुलना में मात्र 44 फीसदी ही हैं। 7918 यानी 56 फीसदी पद अभियंताओं के खाली हैं। इस कारण अभियंताओं को एक साथ दो-तीन पदों पर काम करना पड़ रहा है जिसका असर कार्यों की गुणवत्ता पर हो रहा है।

सरकार के कार्य विभागों में पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास, पंचायती राज व स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन (योजना विभाग) में इंजीनियर काम कर रहे हैं। अभियंत्रण की रीढ़ कनीय अभियंताओं को माना जाता है। कनीय अभियंता के स्वीकृत पद 7672 हैं। इसमें 2404 ही नियमित कनीय अभियंता हैं। 1074 कनीय अभियंता संविदा पर काम कर रहे हैं।

वहीं सहायक अभियंता के रूप में बहाल होने वाले इंजीनियर अभियंता प्रमुख तक जाते हैं। सहायक अभियंता के स्वीकृत पद 4695 में से 1675 पद खाली हैं। कार्यपालक अभियंता में आधे से अधिक पद खाली हैं। इस श्रेणी में 1253 पद स्वीकृत हैं जिसमें से मात्र 550 नियमित इंजीनियर हैं। अधीक्षण अभियंता के 317 पदों में से 99 नियमित हैं। जबकि मुख्य अभियंता के 65 में से 20 नियमित तो अभियंता प्रमुख के 11 पदों में से मात्र दो ही नियमित इंजीनियर कार्यरत हैं।

श्रेणी स्वीकृत पद खाली पद

कनीय अभियंता 7672 5268

सहायक अभियंता 4695 1675

कार्यपालक अभियंता 1253 703

अधीक्षण अभियंता 317 218

मुख्य अभियंता 65 45

अभियंता प्रमुख 11 09

कुल 14013 7918

अतिरिक्त प्रभार से चल रहा काम

इंजीनियरों की कमी के कारण विभागों में अतिरिक्त प्रभार से ही काम चल रहा है। सहायक अभियंता में 128, कार्यपालक अभियंता में 149, अधीक्षण अभियंता में 63, मुख्य अभियंता में 16 तो अभियंता प्रमुख में तीन अतिरिक्त प्रभार में हैं। कुछेक इंजीनियर रिटायर्ड करने के बावजूद संविदा पर काम कर रहे हैं। वर्तमान में 74 सहायक अभियंता, छह मुख्य अभियंता और दो अभियंता प्रमुख संविदा पर काम कर रहे हैं। इसका मूल कारण यह है कि 1987 के बाद 1995, 2006-08, 2014 और 2020 में बहाली हुई।

स्वीकृत पद से कम इंजीनियर होने का सीधा असर कार्यों की गुणवत्ता पर हो रहा है। संघ की यह मांग रही है कि इंजीनियरों की नियमित बहाली हो। इंजीनियरों से विधि-व्यवस्था का काम नहीं लिया जाए।

– राकेश कुमार, महासचिव, बिहार अभियंत्रण सेवा संघ


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Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

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