केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि 58.57 लाख करदाताओं ने पहली बार आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरा है। यह टैक्स फाइलिंग के बढ़ते आधार का प्रमाण है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए प्रेरित करने के कई उपायों के कारण ये बदलाव आया है।
वित्त विधयेक पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत स्लैब में फिर बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपये की इनकम पर प्रभावी कर 2023 में घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया था, जिसे इस वर्ष 2024 में और कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। यह वेतनभोगी कर्मचारी के लिए 17500 रुपये तक की प्रभावी राहत है।
वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए 2023 में व्यक्तिगत आयकर स्लैब के पिछले संशोधन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्लैब को “काफी उदार” बनाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप सभी करदाताओं को 37,500 रुपये कम कर देयता का लाभ मिल रहा है।
लोकसभा में वित्त विधयेक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने सदन को बताया कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है। इन प्रयासों से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। उन्होंने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया था कि वे कोविड-19 के खर्चों को पूरा करने के लिए टैक्स में वृद्धि न करें।