58,003 वार्डों के 16,124 टोलों में छुटे हुए जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए 3,611 करोड़ रुपये की मिली प्रशासनिक स्वीकृति; 15 लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा लाभ

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‘हर घर नल का जल’ निश्चय के तहत पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित गैर गुणवत्ता प्रभावित वाले 58003 वार्डों में जलापूर्ति योजनाओं के निमार्ण कार्य पूर्ण करने हेतु रू 361133.23400 लाख राशि की मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना (गैर गुणवत्ता प्रभावित्त क्षेत्र) के विस्तारीकरण को कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि “कैबिनेट द्वारा पंचायती राज से हस्तांतरित वार्डों में छूटे हुए टोलों में जलापूर्ति योजनाओं के निमार्ण की स्वीकृति सरकार के हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” मंत्री ने बताया कैबिनेट के निर्णय के तहत 58,003 वार्डों में छूटे हुए 16,124 टोलों में जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य किया जाएगा जिससे 15,00,000 से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा। साथ ही मंत्री ने यह भी बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद विभाग शीघ्र ही योजनाओं के निर्माण की कार्रवाई शुरू करेगा जिससे इन सभी टोलों में जल्द से जल्द निरंतर स्वच्छ पेयजल पहुँचाया जा सके। हाल में ही 180 अपूर्ण वार्डों में योजनाओं का निर्माण करने के लिए रू० 28.37 करोड़ (अट्ठाईस करोड़ सैंतीस लाख) की राशि को मंजूरी दी गयी थी। इन वार्डों में योजनाओं का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। पूर्व स्वीकृति के साथ नई स्वीकृति मिलने से सभी पंचायतों को जल आपूर्ति योजनाओं से आच्छादित किया जा सकेगा।

मंत्री ने बताया कि पठारी एवं वन क्षेत्र में टोलों के बहुत दूर-दूर आवासित होने, रेलवे लाईन, उच्च पथों के दूसरे तरफ बसावट होना, नये बसावट के बसने इत्यादि कारणों से कुछ बसावटों में “हर घर नल का जल” निश्चय योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका था। ऐसे टोलों को चिन्हित करने का कार्य विभाग द्वारा लगातार कराया जा रहा था। लोक स्वास्थ्य प्रमंडलों द्वारा पंचायती राज से हस्तांतरित वार्डों के छूटे हुए टोलों/ बसावटों का सर्वेक्षण कराया गया, सवेक्षण में प्राप्त सूचनाओं और आंकड़ों की जनगणना की समीक्षा के उपरान्त 16,124 टोलों में निवास करने वाले 15,18,425 परिवारों के पेयजलापूर्ति हेतु गृह जल संयोजन सहित योजना का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। योजना का कार्य क्षेत्र राज्य के 30 जिलों के 438 प्रखंडों में होगा।

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