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शराब की होम डिलीवरी के लिए 5वीं पास युवक ने बनवाई वेबसाइट, फिर 500 लोगों को ऐसे ठगा

एक पांचवीं पास 29 वर्षीय युवक ने पांच हजार रुपये में शराब होम डिलीवरी के लिए फर्जी वेबसाइट बनवाई। इसके बाद पांच सौ से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया। अक्टूबर में एक एडवोकेट को ऐसे ही मामले में धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।

उनकी शिकायत और एफआईआर के बाद लगातार फालोअप से साइबर पुलिस द्वारा पकड़े गए दो आरोपितों से पुलिस पूछताछ में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। अक्टूबर 2023 में एडवोकेट धीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर शराब की होम डिलीवरी के लिए 18 सौ रुपये का पेमेंट किया।

ठगी पता चलने पर दर्ज कराई शिकायत

जब काफी देर बाद भी उनके घर शराब नहीं पहुंची, तब उन्होंने एजेंट को दोबारा संपर्क किया, लेकिन इसके बाद भी उनके घर पर शराब नहीं आई और उन्हें बताया गया कि डिलीवरी ब्वॉय का एक्सीडेंट हो गया है। इस पर उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। धीरेंद्र सिंह अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिनके साथ इस तरह की ठगी हुई।

इन आरोपितों ने 500 से ज्यादा लोगों से इसी तरह से शराब डिलीवरी के नाम पर धोखाधड़ी की और करोड़ों रुपये ठग लिए। साइबर पुलिस ने जांच करते हुए मुख्य आरोपित हारून को 25 जनवरी को राजस्थान के भरतपुर से पकड़ा था। वह सीकर का रहने वाला है। उसकी लोकेशन और कॉल ट्रेस के माध्यम से उसे पकड़ा जा सका था।

कई बैंक खाते में ट्रांसफर कराते थे पैसे

इसके बाद उससे पूछताछ और निशानदेही पर एक अन्य आरोपित वंश को भी तीन दिन पहले भरतपुर से ही पकड़ा गया। हारून ने पूछताछ में बताया कि उसने दो साल पहले पांच हजार रुपये देकर एक फ्रीलांसर से फर्जी वेबसाइट बनवाई थी। इसके माध्यम से ही उसने लोगों से ठगी की। आरोपित ठगी गई राशि ट्रांसफर करवाने के लिए भरतपुर के कई लोगों से बैंक खाते लेता था। वह ठगी गई राशि का आधा हिस्सा बैंक खाता धारक को भी देता था।

साइबर पुलिस ने वंश और हारून से बरामद किए गए मोबाइल और सिम का इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेट सेंटर से डेटा निकलवाया। इससे यह सामने आया कि दोनों आरोपितों ने देशभर के दो हजार से ज्यादा लोगों से ऑनलाइन शराब की होम डिलीवरी समेत अन्य माध्यमों से धोखाधड़ी की और छह करोड़ रुपये से ज्यादा ठग लिए।

कई और गिरोह भी सक्रिय

ऑनलाइन शराब की होम डिलीवरी के मामले में बीते दिनों पकड़ा गया गिरोह कोई अकेला ऐसा गिरोह नहीं है। शराब की होम डिलीवरी के नाम पर कई और गिरोह भी लोगों को शिकार बन रहे हैं। साइबर पुलिस के सूत्रों के अनुसार पांच हजार रुपये देकर ठग ऐसी फर्जी वेबसाइट बनवा लेते हैं और इन्हें पहचान पाना काफी मुश्किल होता है। बता दें कि हरियाणा में ऑनलाइन शराब बेचना बैन है।


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Rajkumar Raju

5 years of news editing experience in VOB.

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