उत्तराखंड के उत्तराकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तमाम कोशिशें जारी हैं। मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल और होरिजोंटल दोनों तरह से ड्रिलिंग की जा रही है। इस बीच टनल में कल बिछाई गई 6 इंच की पाइपलाइन के जरिए काम शुरू कर दिया है। यह मजदूरों के लिए वरदान बनी है। इसके जरिए खाने-पीने के सामान के अलावा बातचीत करने के लिए वॉकी-टॉकी भी भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार, लगभग 5-10 किलो के विभिन्न फल जैसे सेब, संतरा, मौसमी और 5 दर्जन केले सफलतापूर्वक अंदर पहुंचाए गए हैं। इसके अलावा दवा, नमक और इलेक्ट्रॉल के पैकेट भी भेजे गए हैं। कहा जा रहा है कि अगले 30 से 40 घंटे के अंदर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
मंगलवार शाम मजदूरों के लिए भोजन तैयार कर रहे एक कुक ने कहा- “हमने अंदर फंसे लोगों के लिए खाना बनाया है। हम आज खाने में पुलाव और मटर पनीर दे रहे हैं। उनके लिए करीब 150 पैकेट बनाए हैं। सभी चीजें डॉक्टर की देखरेख में तैयार की गई हैं…हमने सभी को कम ऑयली और आसानी से पचने वाला भोजन दिया है। पाइप का छेद छोटा होने की वजह से सामान की पैकिंग विशेष तरीके से की जा रही है।”
अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने कहा- सबसे पहले एनएचआईडीसीएल ने ऑक्सीजन, भोजन, पानी या दवा की सुविधा सुनिश्चित की है। अंदर रोशनी और बिजली की आपूर्ति है। अंदर 2 किमी तक जगह है। चार इंच की पाइपलाइन से हम सूखे मेवे और अन्य खाने की चीजें भेज रहे थे। वहीं छह इंच की पाइपलाइन के जरिए हमने अंदर एक वॉकी-टॉकी भेजा और कम्यूनिकेशन स्थापित किया। हमें वीडियो भी मिला है, जिसमें वह ठीक दिखाई दे रहे हैं।
टनल में फंसे 41 मजदूरों का वीडियो भी सामने आया है। बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने सोमवार रात को एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा भेजा। जिसके जरिए मजदूरों से संपर्क किया गया। इसके अलावा बचाव में जुटे अधिकारियों ने हाईटेक सीसीटीवी कैमरा भी मंगवाए हैं।