समस्तीपुर जंक्शन से जीआरपी और प्रयास संस्था के सहयोग से मधेपुरा और सहरसा से बाल मजदूरी के लिए पंजाब ले जाए जा रहे 7 बच्चों को मुक्त कराया गया। मुक्त कराए गए बच्चों में तीन बच्चे मधेपुरा के रहने वाले हैं जबकि 4 बच्चे सहरसा के रहने वाले हैं।
बताया गया है कि सभी बच्चों को पंजाब में खेतों से आलू निकालने के लिए ले जाया जा रहा था। रेस्क्यू के बाद सभी बच्चों को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां से उन्हें बाल कल्याण समिति को सौंपा जाएगा। बाल कल्याण समिति के निर्देशानुसार बच्चों को उनके परिजनों के हवाले किया जाएगा।
फिलहाल शक होने पर पूछताछ की गई। सामाजिक संगठन प्रयास के काउंसलर सोनेलाल ठाकुर ने कहा कि समस्तीपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर छोटे-छोटे बच्चों को बैग आदि लिए देखकर प्रयास और जीआरपी के पदाधिकारी बच्चों के पास पहुंचे और उनके अभिभावक के बारे में पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान बच्चों ने सही जानकारी नहीं दी। कुछ बच्चों ने कहा कि सभी एक ठेकेदार के माध्यम से पंजाब में कमाने के लिए जा रहे हैं। सभी बच्चों की उम्र 10 से 14 वर्ष के बीच है। इसके बाद सभी बच्चों को रेस्क्यू कर जीआरपी थाना लाया गया, जहां मामला दर्ज किए जाने के बाद सदर अस्पताल में मेडिकल कराया गया है।
बताया गया है कि बच्चों को पंजाब ले जा रहा दलाल भी स्टेशन पर ही था। पुलिस को देखकर फरार हो गया। जीआरपी थाना अध्यक्ष बी. आलोक ने बताया कि सभी बच्चों को रेस्क्यू कर आगे की प्रक्रिया के लिए बाल कल्याण समिति को सौंपा जाएगा। बाल कल्याण समिति के निर्देशानुसार बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया जाएगा।