डांसिंग सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को 70वां राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिथुन दा को इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
पुरस्कृत फिल्में सकारात्मक सामाजिक बदलाव को दर्शाती हैं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (8 अक्टूबर) 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें वर्ष 2022 के लिए भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट उपलब्धियों का सम्मान किया गया। इस समारोह में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी शामिल हुए। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने फिल्म उद्योग में चक्रवर्ती के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि पुरस्कृत फिल्में सकारात्मक सामाजिक बदलाव को दर्शाती हैं।
मिथुन चक्रवर्ती ने जताया आभार
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं पहले भी तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुका हूं। पहली बार जब मुझे पुरस्कार मिला, तो सफलता मेरे सिर पर चढ़ गई। काले रंग पर बहुत अपमान झेला है। मैं भगवान के सामने रोता था। फिर मैंने डांस करने के बारे में सोचा, ताकि लोग मेरे रंग को न देख पाए बल्कि मेरे थिरकते हुए पैरों को देखें…और ऐसे मैं बन गया सेक्सी बंगाली बाबू। आज यह पुरस्कार पाने के बाद मैंने शिकायत करना बंद कर दिया।”
मिथुन चक्रवर्ती का करियर
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को हुआ था। मिथुन का जन्म कोलकाता में एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई एफटीआईआई, पुणे से पूरी की। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मृणाल सेन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मृगया’ से की थी। फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन का अभिनय और डांस काफी लोकप्रिय हुआ था। इस फिल्म से मिथुन को ‘डिस्को डांसर’ के नाम से जाना जाने लगा। अभिनय क्षेत्र के साथ-साथ मिथुन ने राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना दबदबा कायम रखा है। फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हैं। मिथुन चक्रवर्ती को पद्म भूषण, पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है। साथ ही यह उनका चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है।