पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले 79 साल के जीतन राम मांझी बनेंगे मंत्री, जानिए कौन हैं हम प्रमुख
पहली लोकसभा चुनाव जीता और अब केंद्र सरकार में मंत्री बनेंगे. 79 साल के जीतन राम मांझी एक नाम यह एक रिकॉर्ड होगा. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी दलित समुदाय से आते हैं. मुसहर जाति से आने वाले मांझी ने गया संसदीय सीट से चुनाव जीता है. वे पहली बार वर्ष 1980 में विधायक चुने गए थे. बाद में कई बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. साथ ही अलग अलग सरकारों में मंत्री रहे. इस बीच 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
लंबा सियासी अनुभव रखने वाले जीतन राम मांझी ने जदयू से अलग होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन किया. उनके पुत्र संतोष सुमन भी बिहार सरकार में मंत्री हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में हम को एनडीए ने गया की एक सीट दी थी. इस सीट में जीतन राम मांझी ने चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की. इसके पहले मांझी तीन बार गया से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन कभी भी उन्हें सफलता नहीं मिली. यह पहला मौका है जब वे सांसद बने और अब पहली बार लोकसभा पहुंचते ही केंद्र में मंत्री भी बनने वाले हैं.
मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले की खिजरसराय के महकार गाँव में हुआ। उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो खेतिहर मजदूर थे। उन्होंने गया महाविद्यालय से 1966 में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की। वो महा दलित मुसहर समुदाय से हैं। 1966 में उन्होंने लिपिक की नौकरी करना आरम्भ किया और 1980 में नौकरी छोड़ दी। मांझी की पत्नी का नाम शान्ति देवी है जिनसे उनके दो पुत्र एवं पाँच पुत्रियां हैं।
मांझी ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ‘आज दोपहर 12 बजे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल रहुंगा। गया जी और बिहार के लोगों के लिए शुभ समाचार है। जय मगध,जय बिहार।‘
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