84 लोगों की मृत्यु, बचाव अभियान में सेना भी हुई शामिल, केरल में दो दिन का राष्ट्रीय शोक
केरल के वायनाड जिले के मेप्पडी, मुंडक्कई टाउन और चूरल माला में मूसलाधार बारिश के बीच मंगलवार सुबह हुए भूस्खलन में जानमाल की बड़ी क्षति हुई है। वायनाड जिले के ऊंचाई वाले गांवों में सैकड़ों घर जमींदोज हो गए हैं। भूस्खलन में अब तक 84 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 116 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई लोग अभी भी लापता हैं।
लगभग 400 परिवार फंसे
भारी बारिश के दौरान रात करीब एक बजे मुंडक्कई कस्बे में पहला भूस्खलन हुआ। वहां बचाव अभियान जारी था कि सुबह करीब 4 बजे चूरलमाला स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हुआ। चूरलमाला टाउन में पुल ढहने के बाद क्षेत्र में लगभग 400 परिवार फंसे हुए हैं। यह पुल मुंडक्कई में अट्टमाला तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है और इसके ढहने से बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
केरल सरकार की दो दिन के लिए राज्य में आधिकारिक शोक की घोषणा
वायनाड में भूस्खलन की घटना में कम से कम 84 लोगों की जान जाने के बाद केरल सरकार ने आज और कल राज्य में आधिकारिक शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायनाड में हुए भूस्खलन में मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने इस आपदा पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से बातचीत की है और केन्द्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
लगातार पानी का बहाव जारी
एनडीआरएफ और सेना दोनों ही बचाव कार्यों में जुटे हैं। भूस्खलन से पेड़ उखड़ गए हैं। लगातार पानी का बहाव जारी है और कई घर जमींदोज हो गए हैं। सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियां बचाव कार्यों में शामिल हो गई हैं और स्वास्थ्य विभाग – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष खोला है। आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर, 9656938689 और 8086010833 भी जारी किए गए हैं।
भारतीय सेना भी बचाव अभियान के लिए पहुंची
वायनाड जिले में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बाद आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की देखरेख के लिए सीराम संबाशिव राव आईएएस को विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। भारतीय सेना की टुकड़ी चूरलमाला में भूस्खलन स्थल पर पहुंची है। रस्सियों का उपयोग करके, सैनिकों को चूरलमाला के वार्ड नंबर 10 में सहायता और बचाव प्रयासों को पूरा करने के लिए नदी के उस पार ले जाया जा रहा है जो उफान पर है।
सेना ने बचाव कार्यों में सहायता के लिए रक्षा सुरक्षा कोर के 200 सैनिकों और एक मेडिकल टीम को तैनात किया। इसके अतिरिक्त, प्रयासों में सहायता के लिए सुलूर में वायु सेना स्टेशन से दो हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं।
एनडीआरएफ की 3 टीमें पहले से ही वायनाड में
एनडीआरएफ का कहना है कि उनकी टीमें वायनाड में विभिन्न स्थानों पर हैं। एनडीआरएफ की 3 टीमें पहले से ही वायनाड में हैं। हम बचाव कार्य करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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