अक्सर देखा गया है कि अगर आप एक प्लानिंग के साथ कोई भी काम करते हैं, तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी 22 वर्षीय सीए टॉपर की है. उन्होंने 508 अंक लाकर सीए की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने में सफल रहे हैं. इसके अलावा वह CMA के फाउंडेशन और इंटर की परीक्षा में भी टॉप 1 रैंक प्राप्त किए हैं. ये उपलब्धियां हासिल करने वाले जिस लड़के की हम बात कर रहे हैं, उनका नाम ऋषभ ओस्तवाल (CA Rishab Ostwal) है.
CA में हासिल की टॉप रैंक
ऋषभ ओस्तवाल आंध्र प्रदेश के चित्तूर से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने CA फाइनल नवंबर 2024 परीक्षा में 600 में से 508 अंक (84.67%) लाकर टॉप किया है. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार ऋषभ ने ICSE की बोर्ड परीक्षा में भी 97.5% अंक हासिल किए हैं. बाद में उन्होंने वर्ष 2023 में आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश से B.Com की डिग्री हासिल की हैं. उनके पिता एक बिजनेस हैं और उन्हें पूरा भरोसा था कि उनका बेटा टॉप स्कोर करेंगे. उनकी बहन एक कंपनी में सेल्स एनालिस्ट हैं और उनके लिए वह प्रेरणा स्रोत रही हैं.
रोजाना करते थे 12-14 घंटे तक पढ़ाई
CA में टॉपर रहे ऋषभ ने CA फाइनल की तैयारी के लिए दिन में 12-14 घंटे तक पढ़ाई की. उन्होंने मॉक टेस्ट और ओल्ड क्वेश्चन पेपर का प्रैक्टिक्स किया. वह पांच महीने की छुट्टियों के दौरान रात में पढ़ाई करते और सुबह सोते थे. ऋषभ आखिरी के दो-तीन महीनों में रोजाना 12 घंटे और परीक्षा के अंतिम पंद्रह दिनों में 14 घंटे तक पढ़ाई करते थे. वह अपनी पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को प्राथमिकता दी है. इसके साथ ही वह KPMG में CA ट्रेनिंग भी कर रहे थे.
CMA फाउंडेशन, इंटर में रहे टॉपर
ऋषभ ने पहली ही कोशिश में CA फाइनल के दोनों ग्रुप (I और II) पास किए हैं. वह वर्ष 2021 में CA इंटर में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 8 हासिल की थी और वर्ष 2020 में फाउंडेशन परीक्षा भी दी. इसके अलावा 22 वर्षीय ऋषभ ने इसी साल CMA फाइनल परीक्षा भी दी है. वह CMA फाउंडेशन और CMA इंटर में भी टॉपर रहे हैं. ऋषभ के लिए कोचिंग तैयारी के लिए मददगार साबित हुई है. कोचिंग ने एक सिस्टमैटिक व्यू दिया, जिससे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करने में सहूलियत
इस क्षेत्र में बनाना चाहते हैं करियर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि ऋषभ प्राइवेट इक्विटी और कंसल्टिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं. उनका संख्याओं और केस स्टडी के प्रति काफी झुकाव रहा है. जिसकी वजह से वह इन क्षेत्रों में जाने की सोच रहे हैं.