Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘हिट एंड रन’ जॉब की एक और मिसाल

ByKumar Aditya

अगस्त 12, 2024
images 5 jpeg

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट किशोर सुब्रमण्यन ने रविवार को दावा किया कि यह रिपोर्ट बेबुनियाद और निराधार है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं है। यह सिर्फ अफवाहें और अटकलें हैं।

किशोर सुब्रमण्यन ने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस और मजबूत सबूत नहीं है, इसमें बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कई ऐसे अंग्रेजी के शब्द प्रयोग किए गए हैं, जिसका मतलब है, ‘शायद’, ‘हम सोचते हैं’, ‘हमें लगता है’, ‘शायद ऐसा हो सकता है।’ इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद यह साफ हो गया कि हिंडनबर्ग की ओर से यह एक और ‘हिट एंड रन जॉब’ है। एक बुनियादी रिपोर्ट पेश किया गया है। इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। इस रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़ने वाला हर कोई यह जान गया है कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं हैं। पहले भी ऐसे ही एक आरोप लगे थे, जिसमें हिंडनबर्ग ने बहुत पैसा कमाया था। अगर हम ऐसे रिपोर्ट पर भरोसा करके अपने ‘इन्वेस्टेड स्टॉक मार्केट’ के पैसे को गिराना चाहते हैं तो यह हमारी मर्जी है। मगर, मेरा यह मानना है कि हमें ऐसे रिपोर्ट के ऊपर नहीं जाना चाहिए, इस तरह के रिपोर्ट पर हमें भरोसा नहीं करना चाहिए। अगर सेबी या सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई करना चाहती है तो करे।

किशोर सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कहा था कि सेबी के पास न कोई सबूत था और न कोई प्रूफ था। हिंडनबर्ग का एक ही मकसद है कि हम इस खबर को फैलाएं, लोगों में डर बैठाकर मार्केट को गिराएं। इसलिए, मैं कहता हूं कि रिपोर्ट को सही से पढ़िए और फिर फैसला लीजिए।

इससे पहले अदाणी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह व्यक्तिगत लाभ के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकीपूर्ण चयन है।

एक्सचेंज फाइलिंग में ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा, “यह बदनाम करने के इरादे से किए गए दावों की पुनरावृत्ति है। इन दावों की गहन जांच की गई है और जनवरी 2024 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन्हें खारिज किया जा चुका है।”

अदाणी ग्रुप ने आगे कहा, “बदनाम शॉर्ट-सेलर फर्म कई भारतीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन करने के कारण जांच के दायरे में है। हिंडनबर्ग के आरोप भारतीय कानूनों के प्रति पूरी तरह से अवमानना ​​करने वाली एक हताश इकाई द्वारा फैलाई गई अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है।”