सवा लाख कंपनियां बिहार के युवाओं को देंगी रोजगार
राज्य के बेरोजगारों के लिए राहत भरी खबर है। देश-विदेश की कंपनियों ने अब बिहार के लोगों को रोजगार देने में दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया है। नेशनल कॅरियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर अब तक एक लाख 28 हजार से अधिक कंपनियों ने निबंधन कराया है। ये कंपनियां बिहार के लोगों को अपने यहां रोजगार देना चाहती हैं।
हालांकि दो साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार के लिए काफी कम कंपनियों ने अपना पंजीकरण कराया था। पहले साल वित्तीय वर्ष 2015-16 में मात्र दो कंपनियों ने ही पंजीकरण कराया। इसके अगले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 49 कंपनियों ने पंजीकरण कराया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 50 तो 2018-19 में भी मात्र 98 कंपनियों ने ही पंजीकरण कराया। सरकार की कोशिश के बाद 2019-20 में 775, 2020-21 में 757 कंपनियों ने पंजीकरण कराया। कोरोना के बाद फिर से कंपनियों की संख्या कम हो गई और 2021-22 में मात्र 614 कंपनियों ने पंजीकरण कराया।
वित्तीय वर्ष 2022-23 बिहार के लिए सुखद रहा। इस वर्ष 39 हजार 599 कंपनियों ने पंजीकरण कराया। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 68 हजार 154 कंपनियों ने पंजीकरण कराया। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी कंपनियों के आने का सिलसिला जारी है। अप्रैल में 5405, मई में 6699 तो जून में 6190 नई कंपनियों ने बिहार के लोगों को रोजगार देने के लिए पंजीकरण कराया है। यानी तीन महीने में ही 18 हजार 294 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। निबंधित कंपनियां बिहार में केंद्र या राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले रोजगार मेला में शामिल होंगी और राज्य के बेरोजगारों को रोजगार देंगी।
समाजशात्री बोले- इससे बिहार को होगा काफी लाभ
समाजशास्त्रत्त्ी प्रकाश लुईस के अनुसार बड़ी संख्या में कंपनियों का बिहार आना अच्छी बात है। इससे बिहार को लाभ होगा। हम कृषि से उद्योग की ओर बढ़ सकते हैं। लेकिन इसका एक पहलू यह भी है कि इन कंपनियों में कौन-कौन व किस प्रकार की हैं। इन कंपनियों के द्वारा बिहार के लोगों को किस तरह व किस प्रकार का रोजगार दिया जाएगा। अगर बिहार के लोगों को बिहार में ही रोजगार मिले तो राज्य के लिए बेहतर साबित होगा। वरना बिहार के लोगों को सस्ता श्रम मानकर कंपनियों की ओर से दोहन किया जा सकता है।
29 लाख 53 हजार 932 कंपनियों ने पंजीकरण कराया
देश में अब तक 29 लाख 53 हजार 932 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र के लिए पांच लाख 26 हजार 817 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। वहीं आंध्रप्रदेश के लिए 77 हजार 548, असम के लिए 67 हजार 713, छत्तीसगढ़ के लिए 53 हजार, दिल्ली के लिए 92 हजार 843, गुजरात के लिए एक लाख 72 हजार 49, हरियाणा के लिए 99 हजार 224, कर्नाटक के लिए एक लाख 58 हजार 728, मध्यप्रदेश के लिए एक लाख 52 हजार 849 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। जबकि ओडिशा के लिए एक लाख पांच हजार 898, पंजाब के लिए 99 हजार 572, राजस्थान के लिए एक लाख 86 हजार, तामिलनाडू के लिए दो लाख 12 हजार, तेलंगाना के लिए एक लाख 16 हजार, उत्तरप्रदेश के लिए दो लाख 74 हजार और पश्चिम बंगाल के लिए एक लाख 73 हजार कंपनियों ने पंजीकरण कराया है।
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