‘भाजपा परिवार में आपका स्वागत है’, बेटे के साथ बाहुबली सुनील पांडेय ने थामा ‘कमल’
बिहार में 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की घोषणा से पहले ही दलबदल का खेल शुरू हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी के दिग्गज नेता सुनील पांडेय ने भी पाला बदल लिया है. एनडीए में होने के बावजूद उन्होंने ‘कमल’ थाम लिया है. अपने बेटे के साथ वह रविवार सुबह बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
भाजपा प्रदेश कार्यालय, पटना में आज पूर्व विधायक डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय 'सुनील पांडेय' जी ने अपने सुपुत्र श्री विशाल प्रशांत के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की।
माननीय प्रदेश अध्यक्ष डॉ @DilipJaiswalBJP जी ने डॉ. पांडेय जी और उनके हजारों समर्थकों को… pic.twitter.com/OsJQYCY1yt
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) August 18, 2024
बाहुबली सुनील पांडेय बीजेपी में शामिल: रविवार की सुबह पटना स्थित बिहार बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में सुनील पांडेय अपने बेटे विशाल प्रशांत के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई है. माना जा रहा है कि तरारी उपचुनाव में उनके बेटे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
“भाजपा प्रदेश कार्यालय पटना में आज पूर्व विधायक डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय ‘सुनील पांडेय’ जी ने अपने सुपुत्र श्री विशाल प्रशांत के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की. माननीय प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल जी ने डॉ. पांडेय जी और उनके हजारों समर्थकों को सदस्यता ग्रहण कराकर भारतीय जनता पार्टी में हार्दिक स्वागत किया. भाजपा परिवार में आपका स्वागत है! आपकी सक्रियता और जनसेवा के प्रति समर्पण से पार्टी और भी सशक्त होगी.”- बिहार बीजेपी
कौन हैं सुनील पांडेय?: बीजेपी में शामिल होने वाले नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय की छवि बाहुबली नेता की रही है. उन्होंने साल 2000 में सबसे पहले समता पार्टी के टिकट पर पीरो विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. 2005 में फरवरी और अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी वह विधायक चुने गए. वहीं, 2010 में उन्होंने जेडीयू के सिंबल पर तरारी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि 2015 में उनकी जगह उनकी पत्नी गीता पांडेय एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2020 के विधानसभा चुनाव में सुनील पांडेय ने तरारी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था लेकिन शिकस्त मिली।
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