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पीएम मोदी के दौरे से भारत और ब्रुनेई के बीच संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि ब्रुनेई और सिंगापुर की उनकी यात्रा से दोनों देशों के साथ तथा बड़े आसियान क्षेत्र में भारत की साझेदारी और मजबूत होगा। दोनों देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा, भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण के मामले में दोनों देश महत्वपूर्ण साझेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज वे ब्रुनेई दारुस्सलाम की अपनी सबसे पहली द्विपक्षीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।

भारत और ब्रुनेई अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्ष पूरे होने का मना रहे उत्सव 

उन्होंने कहा, इस समय जब भारत और ब्रुनेई अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं तो वे सुल्तान हसन अल बोल्किया और शाही परिवार के अन्य सम्मानित सदस्यों के साथ बातचीत करना चाहते हैं ताकि दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके।

कल सिंगापुर जाएंगे पीएम 

इसके अलावा पीएम ने यह भी कहा कि वे ब्रुनेई से कल सिंगापुर जाएंगे। वे वहां पर राष्ट्रपति थर्मन शनमुग रत्नम और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली शिएन लूंग और वरिष्ठ नेता कोह चोंग तोंग के साथ मुलाकात और बातचीत करना चाहते हैं। पीएम मोदी सिंगापुर में व्यापारिक समुदाय के दिग्गजों के साथ भी मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा है कि वे सिंगापुर के साथ रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के संबंध में चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उन्नत श्रेणी के विनिर्माण डिजिटलीकरण और सतत विकास के नए और उभरते क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत करेंगे।

मस्जिद सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन जाएंगे पीएम मोदी

अपने ब्रुनेई दौरे में पीएम मोदी राजधानी बंदर सेरी बेगावन में मस्जिद सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन का भी दौरा करेंगे और मस्जिद  परिसर में प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे। प्रवासी भारतीय मस्जिद में प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हैं। भारत और ब्रुनेई के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मस्जिद यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ब्रुनेई के 28वें सुल्तान थे उमर अली सैफुद्दीन

बताना चाहेंगे इस मस्जिद का नाम ब्रुनेई के वर्तमान सुल्तान के पिता और उनके पूर्ववर्ती सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन के नाम पर रखा गया है। वे ब्रुनेई के 28वें सुल्तान थे। मुगल वास्तुकला से प्रभावित इस भव्य मस्जिद के निर्माण के उनके सपने को साकार होने में चार साल लग गए थे।

1958 में किया गया था इस मस्जिद का निर्माण

अंतत: 1958 में इसका निर्माण हो पाया था। इसके निर्माण में केवल बेहतरीन सामग्रियों का उपयोग किया गया था। इसमें शंघई ग्रेनाइट और इतालवी संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। इंग्लैंड से रंगीन कांच और क्रिस्टल झूमर मंगाए गए थे। साउदी अरब से सोने की पत्ती से ढका गुबंद और बढ़िया कालीन लाए गए थे। मस्जिद की 52 मीटर ऊंची मीनार इसे केंद्रीय बंदर सेरी बेगावन की सबसे ऊंची इमारत बनाती है।

पीएम मोदी ने इससे पहले विभिन्न देशों में मस्जिदों का किया दौरा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के विभिन्न देशों जैसे मिस्र, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात में भी मस्जिदों का दौरा किया है और अब ब्रुनेई दारुस्सल में स्थित मस्जिद सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन भी इस सूची में जगह बनाने वाली है।


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Kumar Aditya

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