कनकई नदी पर पुल की आस में पथराई पूर्णिया वासियों की आंखें, नाव बना एकमात्र सहारा, शिक्षकों के साथ-साथ स्थानीय लोग परेशान
पूर्णिया जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर अमौर प्रखंड में कनकई नदी पर पुल नहीं रहने से शिक्षकों की जिंदगी दांव पर लग गई है। पिछले 10 सालों से चुनाव के दौरान नेता आते हैं और वादा कर चले जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो पिछले कई सालों से पुल का आधा काम हुआ है लिहाजा लोग काम पूरा होने की आस लगाए सालों से बैठे हुए हैं।
कनकई नदी पर पुल की आस में पथराई की आंखें
ये पूरा इलाका पूर्णिया जिले में आता है लेकिन लोकसभा क्षेत्र किशनगंज पड़ता है लिहाजा लोगों ने किशनगंज के सांसद मो. जावेद पर अपनी भड़ास निकाली और कहा कि सिर्फ चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए आते हैं और फिर जीतने के बाद कोई जनता के मर्म को समझता तक नहीं। ये प्रक्रिया सालों से चली आ रही है लेकिन अब लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है।
नाव बना एकमात्र सहारा
स्थानीय लोगों को इस नदी को पार करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नाव ही अब एकमात्र सहारा है। इस नदी पर पुल नहीं बनने से लगभग 8 पंचायत के लोग प्रभावित हैं। साथ ही स्थानीय व्यापारियों में भी काफी नाराजगी है। सबसे बड़ी बात ये है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षकों की माने तो वे जानजोखिम में डालकर रोजाना बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाते हैं। वे कभी-कभी लेट भी जाते हैं। कई मर्तबा उनके डॉक्यूमेंट्स भी पानी में गिर जाते हैं और बह जाते हैं लिहाजा शिक्षकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पुल के फुल निर्माण की मांग की है ताकि लोगों की मुसीबतें कम हो सके।
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