स्पिन का जादूगर, जिसके दिलफेंक अंदाज ने भी खूब बटोरीं सुर्खियां
शेन वॉर्न। यह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि अपने आप में एक पूरा युग है। इस ऑस्ट्रेलियाई पूर्व क्रिकेटर को खेल के इतिहास में सबसे महान गेंदबाजों में से एक माना जाता है। क्रिकेट के मैदान पर स्पिन का यह जादूगर अपनी सटीक और लहराती गेंदों से बल्लेबाजों को खूब छकाया करता था, जबकि मैदान के बाहर उन्हें एक दमदार दोस्त, ‘प्लेबॉय’, दिल फेंक आशिक जैसे निकनेम मिले थे। क्रिकेट के इतर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी सुर्खियों में रहे।
शेन वॉर्न का जन्म 13 सितंबर, 1969 में विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। इस ‘किंग ऑफ लेग स्पिन’ की आज जयंती है।
ये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर अपने लैविश लाइफस्टाइल के लिए मशहूर था। जितनी चर्चा इनकी खेल के मैदान पर थी, उतनी ही मैदान के बाहर भी रही। खासकर कई महिलाओं से संबंध को लेकर विवादों में भी फंसे, लेकिन फिर भी ‘यारों के यार’ रहे जैसा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर कहते हैं।
टीम की कप्तानी करने का माद्दा रखने वाले वॉर्न विवादों और अपने अफेयर्स के कारण कई बार मुश्किलों से घिरे। महिलाओं के प्रति अपनी भावनाओं को काबू में रखने में वार्न की अक्षमता कई मौकों पर सामने आई। साल 2005 में जब शेन वॉर्न इंग्लैंड में एशेज सीरीज खेलने पहुंचे तो उस वक्त ये खबरें आई थीं कि शेन वॉर्न का इंग्लैंड में एक स्टूडेंट और केरी कॉलिमोर नाम की महिला से अफेयर था।
2006 में शेन वॉर्न टीम के उपकप्तान थे। इस समय उनकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें एक ब्रिटिश मैगजीन में छपी, जिसमें वह एमटीवी प्रेजेंटर कॉरैली इचोल्ट्ज और एम्मा के साथ दिखे। इसका खामियाजा उन्हें क्रिकेट में हुआ। उप-कप्तानी छीन ली गई। हालांकि, यह इकलौता मौका नहीं था, जब वह किसी महिला के साथ पकड़े गए। अश्लील मैसेज, फिक्सिंग, ड्रग्स, रिश्वत जैसे कई मामलों के कारण वो हमेशा खबरों में बने रहे। सितंबर 2017 में वॉर्न पर लंदन के नाइट क्लब में एक महिला संग हाथापाई का गंभीर आरोप भी लगा था। बावजूद इसके शेन वॉर्न अपनी उपलब्धियों के कारण महान गेंदबाज हैं।
वॉर्न सिर्फ गेंदबाज ही नहीं, बल्कि मुश्किल समय में एक निचले क्रम के बल्लेबाज की भूमिका भी बखूबी निभाने की ताकत रखते थे। साल 1992 में वॉर्न ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। 16 साल से अधिक चले करियर में उन्होंने 339 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 25.51 की औसत के साथ 1,001 विकेट लिए हैं।
अपने करियर में उन्होंने 38 बार, पारी में 5 और 10 बार मैच में 10 विकेट लिए हैं। वॉर्न टेस्ट में दूसरे सबसे अधिक (708) विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। आईपीएल का पहला सीजन साल 2008 में खेला गया था। वॉर्न को पहले सीजन में राजस्थान रॉयल्स का कप्तान बनाया गया था।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.