सड़क के लिए मुख्यमंत्री से मिलने नाव से पहुंचे आंटडीह गांव सैकड़ों ग्रामीण और बच्चे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैमूर में करोड़ों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। विकास योजनाओं का सौगात देने के लिए वो भभुआ के मुंडेश्वरी धाम और रामगढ़ प्रखंड के तियरा में आए हुए थे। रामगढ़ के तियरा पंप कैनाल के पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की सूचना मिलते ही रामगढ़ प्रखंड के आंटडीह गांव के सैकड़ों महिला, पुरुष और स्कूल के बच्चे-बच्चियां उनसे मिलने के लिए नदी पार कर नाव से पहुंच गये। लेकिन वहां आने के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे जवानों ने मिलने नहीं दिया उल्टे धक्का देकर भगा दिया।
मुख्यमंत्री से मिलने आई महिलाओं का कहना था कि नीतीश भईया से मिलने आई थी लेकिन उन्हें पुलिस कर्मियों ने मिलने नहीं दिया। कीचड़ में घुसकर और नाव से नदी पार करके सीएम साहब से मिलने आए थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। रामगढ़ प्रखंड के आंटडीह गांव के ग्रामीणों का कहना था कि देश आजाद हो गया लेकिन गांव में आज तक सड़क नहीं बनी। कोई बीमार होता है या फिर कोई महिला का प्रसव कराना होता है तब खाट पर लादकर उसे अस्पताल ले जाया जाता है। एक युवक ने कहा कि मेरी उम्र 32 साल है और इस क्षेत्र में 32 साल से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। जबसे होश संभाले है तब से जो पहले की हालत थी वही आज भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पूरे गांव के पुरुष और महिला के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी आए थे। करीब 500 लोग नाव से अपने सीएम से मिलने आए थे इस उम्मीद से कि उनके गांव में भी रोड और पुल बन जाएगा। लेकिन जो उम्मीद लगाकर आए थे उस पर सुरक्षा कर्मियों ने पानी फेर दिया।
इस संबंध में ना तो मुख्यमंत्री को बताया गया और ना ही ग्रामीणों को उनसे मिलने दिया गया। बुजुर्गों का कहना था कि इस इलाके में बाप दादा और परदादा के समय से ही रोड नहीं है। गांव में सड़क नहीं रहने के कारण बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती को भारी परेशानी होती है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे फोर्स ने मिलने नहीं दिया। बच्चों को धक्का देकर भगा दिया गया। करीब 500 लोग सीएम साहब से मिलने पहुंचे थे। वो रोड और पुल की मांग कर रहे थे लेकिन उनकी बातें किसी अधिकारी ने नहीं सुनी।
जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर वो अपनी बात रखना चाहते थे। बैनर-पोस्टर के साथ ग्रामीण और बच्चे सीएम से मिलने के लिए पहुंचे थे। बैनर पर लिखा हुआ था कि ‘गर्भवती महिलाएं रोती..रोड बिना बेटा बेटी खोती’ लेकिन किसी की बातें मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचायी गयी और ना ही मिलने दिया गया। जब नीतीश कुमार नहीं मिले तो एक स्कूल की बच्ची हाथों में गुलदस्ता लेकर नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर की तरफ दौड़ गई। जहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने दौड़कर उस बच्ची को रोका। जिला प्रशासन की व्यवस्था से नाराज लोगों ने सीएम के जाने के बाद जमकर हंगामा निकाला। ग्रामीणों और बच्चों को समझाने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए।
आँटडीह गांव की फूलमती कुंवर,मुंशीला देवी और जितेंद्र कुमार राम ने बताया नितीश भैया से मिलने तियरा गांव में आए हुए हैं। चारों दिशा में किसी दिशा से हम लोग के गांव के निकास की व्यवस्था नहीं है। हम लोग नाव पर बैठकर नदी पार करके यहां तक पहुंचे हैं। आज भी गर्भवती महिला को खटिया पर टांग कर लेकर जाना पड़ता है, 500 की संख्या में आंट डीह गांव से नीतीश भैया से मिलने आए हैं। हम लोग को रोड और नदी पर पुल की मांग है। कई अधिकारियों से हम लोगों ने गुहार लगाया लेकिन किसी ने नहीं सुना। तब जाकर नीतिश कुमार से मिलने के लिए आए हैं । गांव में दो तरफ से सड़क तो है लेकिन 300 फीट की दूरी में यह सड़क बना ही नहीं है, जिससे बहुत परेशानी हो रही है। बच्चा बच्ची गर्भवती महिला कोई नहीं निकल पाता है। खाट पर टांग कर मरीजों को ले जाना पड़ता है।
आटडीह गांव की विद्यालय की छात्रा ने बताया हमारे गांव में सड़क नहीं है। छात्र बड़े बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी होती है। इमरजेंसी रात को पड़ जाए तो रात को भी जाना संभव नहीं है। नदी में पानी बहुत ज्यादा होने के बावजूद भी हम लोग नाव से यहां तक पहुंचे हैं कि हम अपनी समस्या को मुख्यमंत्री के सामने कह पाएंगे। लेकिन यहां की फोर्स ने हम लोगों को मिलने नहीं दिया।
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