मोतिहारी में 20 फीट जमीन धंसने से इलाके में मचा हड़कंप, गाय की गिरने से हुई मौत
मोतिहारी में एक अजीबोगरीब मामला आने से लोग हैरान है। मोतिहारी जिला के अरेराज प्रखंड के गोबिंदगज थाना क्षेत्र के झखरा गांव में अचानक जमीन धंसने से उसमे गाय समाहित हो गयी। सूचना मिलते ही देखने के लिए मौके पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कुछ लोग इस घटना को दैविक प्रकोप मान रहे है। वही घटना को लेकर तरह तरह की चर्चा किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार एक किसान के पुस्तैनी जमीन पर आम के पेड़ के पास एक गाय को बांधा गया था। अचानक गाय बाँधी गयी स्थल की जमीन लगभग 20 फिट में धंस गयी। गाय सहित जमीन धंस गयी। सूचना पर अरेराज एसडीओ ,गोबिंदगज थाना अध्यक्ष सहित कई अधिकारी की टीम घटना स्थल पर पहुँच कर आवश्यक कार्रवाई में जुटे है।
जमीन धंसने व गाय के समाहित होने की सूचना इलाके में जंगल के आग की तरह आसपास के गांवों में फैल गयी। नजारा देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीँ सूचना मिलते ही एसडीओ अरुण कुमार, गोबिंदगज इंस्पेक्टर राजु मिश्र ,प्रभारी सीओ सहित अधिकारियों की टीम घटना स्थल पर पहुंची। वही आमलोगों को जमीन धंसने वाले स्थल से सौ मीटर तक आने जाने से रोक लगाई गई। समाजसेवी राकेश सिंह ने बताया कि झखरा गांव के अवध सिंह द्वारा गाय को चारा खिलाने के बाद पुराने पुस्तैनी घर के जमीन पर आम के पेड़ के पास गाय को बांधे थे।
इसी बीच अचानक गाय के बांधे स्थल के पास जमीन धंसने लगा। देखते ही देखते लगभग 20 फिट चौड़ा जमीन एकाएक धंस गया। जमीन धसने के साथ ही गाय भी उसी में समा गयी। गड्ढा लगभग 20 फिट होने के कारण गाय को बचाया नही जा सका। बुजुर्गों ने बताया कि आज तक सिर्फ सुनते थे। धरती फ़टी और सती उसमे समाहित हुई। लेकिन आज आखों के सामने ही धरती अपने आप फ़टी व गाय उसमे सम्माहित हो गयी। इस घटना को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा है।
ऐसे भी घटना स्थल की धरती को आदिकाल से ही पवित्र धरती मानी जाती है। घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर रामायण काल में लव कुश व माता सीता के यहाँ आने की बात कही जा रही है। वही एसडीओ अरुण कुमार ने बताया कि यद्यपि आसपास के किसी जल स्रोत या नाले से पानी रिसने की वजह से जमीन धसने की संभावना प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है। तथापि स्थानीय कर्मचारी को घटना स्थल से मिट्टी का नमूना एकत्र करने के लिए आदेशित किया गया है। ताकि इसे आपदा शाखा को जांच हेतु भेजा जा सके। इससे मिट्टी का प्रकार एवं घटना के कारणों का पता चल पाएगा। मवेशी के मृत्यु की स्थिति में आपदा शाखा के माध्यम से विभागीय प्रावधान के अनुसार अनुग्रह अनुदान का भुगतान पशुपालक को किया जाएगा। इसके लिए सीओ को आवश्यक निर्देश दिया गया है। वही घटना स्थल पर एहतियातन एक दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।
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