Chhattisgarh

लड़कियों को आत्मनिर्भरता बनाने छत्तीसगढ़ सरकार दे रही व्यावसायिक कौशल का निःशुल्क प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सार्थक पहल से जशपुर जिला प्रशासन के तहत नव गुरुकुल शिक्षण संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ाना है, बल्कि छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें व्यावसायिक कौशल से जोड़ना है, ताकि वे अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकें। प्रशिक्षण के दौरान लैपटॉप/कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उन्हें अध्ययन और प्रोजेक्ट्स पर काम करने में मदद मिलती है।

जिला प्रशासन द्वारा छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है

उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम प्रदेश में जशपुर के साथ-साथ रायपुर और दंतेवाड़ा जिला में भी संचालित हैं। जिला प्रशासन द्वारा छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां छात्राओं को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, फायनेंस, बिजनेस, शिक्षा, और ग्राफिक्स डिज़ाइनिंग जैसे विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, भाषा ज्ञान और व्यक्तित्व विकास पर अतिरिक्त कक्षाएँ भी आयोजित की जाती हैं, जिससे छात्राओं का समग्र विकास हो सके। छात्राओं को निःशुल्क आवास, प्रशिक्षण, और भोजन की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। प्रशिक्षण के दौरान लैपटॉप/कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उन्हें अध्ययन और प्रोजेक्ट्स पर काम करने में मदद मिलती है।

वर्तमान में 60 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत

वर्तमान में, इस कार्यक्रम के तहत जिले की 16 प्रतिभाशाली छात्राएँ विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य राज्यों की प्रमुख कंपनियों में सफलतापूर्वक प्लेसमेंट के लिए चयनित हुई हैं। ये छात्राएँ अब अच्छी आय अर्जित कर रही हैं, जो उनके प्रयासों का जीवंत प्रमाण है। यहाँ पर 150 छात्राओं के लिए प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें वर्तमान में 60 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं।

छात्राओं ने बताये अपने अनुभव

जशपुर नगर की निवासी कुमारी प्रतिभा थापा बताती हैं कि ‘मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिससे मुझे पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। जब मैंने नव गुरुकुल के बारे में सुना, तो मैंने यहाँ फॉर्म भरा और प्रशिक्षण लेने आई। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतने महंगे कोर्स की पढ़ाई मुझे निःशुल्क मिलेगी। मैंने बिजनेस कोर्स में 16 महीने का प्रशिक्षण लिया और आज एक निजी कंपनी में क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूँ।’

जशपुर नगर की ही कुमारी नेहा चौहान ने बताया कि मेरे पिता एक छोटे किसान हैं। हमारी आमदनी उतनी अच्छी नहीं है कि मैं बाहर जाकर पढ़ाई कर सकूं। लेकिन इस संस्थान से मुझे बहुत लाभ हुआ है। यहाँ मुझे बिजनेस कोर्स में 13 महीने प्रशिक्षण के साथ-साथ भाषा ज्ञान भी मिला, जो मेरे लिए बहुत उपयोगी है।

डुगडुगीया (कुनकुरी) निवासी कुमारी साक्षी सिंह बताती हैं कि जब मुझे यहाँ के बारे में पता चला तो फॉर्म भरकर प्रशिक्षण ली। मैंने यहाँ 15 महीने का प्रशिक्षण लिया। आज मुझे बारु साहेब यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश में डेटा एनालिटिक्स एसोसिएट का जॉब मिला है। यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर है। मैं पहली बार अपने घर से बाहर निकली हूँ। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

लाभार्थी छात्राओं ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की इस पहल ने न केवल हमारा जीवन बदला है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह की योजनाएँ निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह कदम केवल छात्राओं के जीवन में बदलाव लाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भी एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा देता है। उनकी सोच ने ना केवल छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर भी प्रदान किया है।

Kumar Aditya

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