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सोनम वांगचुक को लिया गया हिरासत में, जलवायु कार्यकर्ता को डिनेट किए जाने पर भड़के राहुल गांधी- अखिलेश यादव

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में ले लिया गया है. सोनम वांगचुक लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक मार्च करते आए हैं. उनकी आगे की योजना दिल्ली में बापू की समाधि पर जाना और दिल्ली मार्च की थी लेकिन इसके पहले ही उन्हें दिल्ली सीमा पर करीब 120 लोगों के साथ दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी गिरफ्तारी के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, ‘मुझे हिरासत में लिया जा रहा है… दिल्ली बॉर्डर पर 150 पदयात्रियों के साथ, सैकड़ों की पुलिस फोर्स द्वारा। हमारे साथ कई बुजुर्ग, महिलाएं हैं। हमें नहीं पता क्या होगा। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी… बापू की समाधि तक सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे… हे राम!’

सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध किया है. राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखियों को हिरासत में लेना स्वीकार नहीं किया जा सकता, जो पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे।’  वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर लिखा कि जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए लोग होते हैं. भाजपा सरकार पर्यावरण रक्षक व लद्दाख हितैषी सोनम वांगचुक जी की शांतिपूर्ण दिल्ली यात्रा को बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं कर सकती. केंद्र अगर सरहद की आवाज़ नहीं सुनेगा तो ये उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी.

शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लद्दाख से दिल्ली तक मार्च कर रहे थे. प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग लद्दाख के लोग 2019 से कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, शहर में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म “थ्री इडियट” सोनम वांगचुक के जीवन से प्रेरित थी. सोनम वांगचुक शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता हैं. इनका जन्म 1 सितंबर 1966 को अलची, लद्दाख में हुआ था. वह स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं. 1993 से 2005 तक वांगचुक ने लैंडेग्स मेलॉग, जो लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका है की स्थापना की और संपादक के रूप में कार्य किया. शिक्षा में मैकेनिकल इंजीनियर वांगचुक 30 से अधिक वर्षों से शिक्षा सुधार के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

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