VaishaliBihar

वैशाली में टूटा ग्रामीण बांध, बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बरकरार

पटना। राज्य में बुधवार की सुबह फिर एक बांध टूट गया। वैशाली जिले के हाजीपुर सदर प्रखंड अंतर्गत इस्माइलपुर पंचायत स्थित मीनापुर राई गांव में गंडक के इस ग्रामीण बांध के टूटने से 50 घर इसकी चपेट में आ गए हैं। यहां गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इस तरह अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 12 तटबंध, एक रिंग बांध और तीन सुरक्षा बांध टूट चुके हैं। नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन निचले प्रवाह वाले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। करीब 11.5 लाख की आबादी प्रभावित है। गोपालगंज जिले में 40 गांव इसकी चपेट में हैं।

गांवों के संपर्क मार्ग पर पानी बहने से ग्रामीणों का प्रखंड व जिला मुख्यालय से संपर्क भंग है। सारण जिले के पानापुर में भी गंडक नदी खतरे के निशान 0.99 मीटर उपर बह रही है। पांच प्रखंडों के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है। जिला प्रशासन द्वारा तटबंधों की निगरानी की जा रही है।

गंगा का बढ़ रहा जलस्तर

पटना में गंगा का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। गांधी घाट व हथिदह में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बुधवार को बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चियों समेत सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पूर्णिया, सहरसा व मुंगेर के दो-दो तथा खगड़िया का एक व्यक्ति शामिल है।

सुपौल में कोसी बराज पर बुधवार शाम पांच बजे 1,32,800 क्यूसेक जलस्राव दर्ज किया गया। यहां अब भी 31 पंचायतों में 1.30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सहरसा में 28 पंचायतों के 2.07 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 38 हजार लोग कोसी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।

खगड़िया में कोसी, बागमती, गंगा और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कोसी बराज से छोड़े गए अप्रत्याशित पानी के बाद खगड़िया जिले की लगभग 78 हजार आबादी प्रभावित हुई है। मुंगेर और भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

कटिहार में गंगा खतरे के निशान से 78 सेंटीमीटर और कोसी 71 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। अन्य नदियों के जलस्तर में गिरावट में हुई है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से कुर्सेला, बरारी, मनिहारी व अमदाबाद की 36 पंचायत व तीन नगर पंचायतों के 1.44 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

तीन गांव में घुसा बागमती का पानी

उधर, सीतामढ़ी के तीन गांव में बागमती का पानी घुस गया है। बुधवार की शाम पांच बजे वाल्मीकिनगर में गंडक बराज से 1.13 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बागमती के जलस्तर में कमी हो रही है, लेकिन शिवहर में नदी का जलस्तर खतरे के निशान 61.28 मीटर से 26 सेमी ऊपर है।

यहां 17 गांवों की 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। 30 हजार एकड़ की फसल प्रभावित हुई है। सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी के बावजूद बेलसंड और रुन्नीसैदपुर में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।

बुधवार को रुन्नीसैदपुर से बाढ़ का पानी पड़ोस के बोखड़ा प्रखंड के तीन गांवों में प्रवेश कर गया। जिले के 70 गांवों में करीब तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है। झंझारपुर में कमला का जलस्तर खतरे के निशान से 0.42 मीटर ऊपर है। दरभंगा में कोसी, कमला व बलान नदी के जलस्तर में कमी आई है।

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सांसद संजय कुमार झा, वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना। मुजफ्फरपुर के कटरा और पारू में भी नदियां शांत होने लगी हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी