TOP NEWSNationalTechnologyTrendingViral News

चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा हैं बिहार के सुधांशु, आटा मील चलाने वाले पिता और मां कर रहे सफल लैंडिंग के लिए पूजा; पढ़े रिपोर्ट

धरती से 3 लाख 84 हज़ार 400 किलोमीटर दूर घूम रहा चांद बस कुछ ही घंटों बाद हिंदुस्तान की मुट्ठी में होगा। सॉफ्ट लैंडिंग के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है और भारत की घड़ी में जैसे ही 6 बजकर 4 मिनट होंगे, हिंदुस्तान का चंद्रयान चांद की सतह पर लैंड कर जाएगा। इसरो के वैज्ञानिकों की सालों की महनत के बाद चंद्रयान-3 मिशन आज चांद पर लैंड करने के मुकाम तक पहुंचा है। इन वैज्ञानिकों में से एक हैं बिहार के सुधांशु कुमार। गया जिले के सुधांशु के मां-बाप भी अपने बेटे को इतने बड़े मिशन से जुड़े होने पर गर्व महसूस कर रह हैं।

सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कर रहे पूजा-पाठ

चांद के सबसे कठिन हिस्से में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। ऐसे में वैज्ञानिक सुधांशु के माता–पिता सफल लैंडिंग के लिए पूजा पाठ कर रहे हैं। बता दें कि बिहार के गया जिले से आने वाले सुधांशु हरिकोटा स्थित इसरो में हैं और उनके पिता एक आटा मील संचालक हैं। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने बेटे की नौकरी के लिए ना ही कभी दुआ मांगी थी और ना ही कभी पूजा-पाठ किया था, लेकिन आज चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए वह पूजा कर रहे हैं।

घर में ही आटा मील चलाते हैं सुधांशु के पिता

चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग को लेकर पूरा देश उत्सुक है। ऐसे में गया जिले के खरखूरा मोहल्ले में चंद्रयान-3 के हिस्सा रहे इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के मां–पिता भी ज्यादा उत्साहित दिख रहे हैं। सफल लैंडिंग के लिए वैज्ञानिक सुधांशु के पिता पूजा पाठ में लगे हैं। वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के पिता महेंद्र प्रसाद अपने घर में ही आटा मील चलाते हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 का लैंडिंग का जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बेचैनी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सुधांशु के रिजल्ट या उसकी नौकरी के लिए कभी भी पूजा पाठ या दुआ नहीं मांगी। लेकिन आज भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग हो जाए। इसके साथ बेटे का भी नाम जुड़ा है और यह पूरे देश के लिया एक गौरव की बात है।

चंद्रयान-3 की लॉन्च व्हीकल टीम का हिस्सा  

इसरो के वैज्ञानिक के माता–पिता घर के बाहर देवी देवताओं के पूजा पाठ में लगे हैं। यही कामना कर रहे हैं कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग सफल रहे। ज्ञात हो कि सितंबर 2021 में सुधांशु ने इसरो में वैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन किया था। वर्तमान में वह श्रीहरिकोटा में पदस्थापित हैं। चंद्रयान-3 के लॉन्च व्हीकल बनाने की टीम में सुधांशु शामिल हैं। लांच व्हीकल बनाने में कुल 30 लोगों की टीम थी, जिसमें तीसरे वैज्ञानिक सुधाशु रहे हैं। मालूम हो कि सैटलाइट या पे-लोड को ऑर्बिट तक पहुंचाने का काम लॉन्च व्हीकल द्वारा किया जाता है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास