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रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, पैर और आंख में गंभीर चोट के निशान, साफ हुआ मौत का कारण

बहराइच में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण साफ हो गया। रामगोपाल के शरीर में गोलियों के छर्रों के निशान हैं और पैर में चोट एवं आंख पर गंभीर चोट के निशान हैं। बहराइच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने पोस्टमॉर्टम के बाद बताया कि 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान रामगोपाल को गोली लगी थी। पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि मिश्रा के शरीर पर 25 से 30 छर्रे लगे थे और उसके शरीर पर चोट के भी निशान थे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का बयान

संजय कुमार ने बताया, “रिपोर्ट से पता चला कि बाईं आंख के आसपास और पैर के नाखूनों पर गंभीर चोट के निशान थे।” उन्होंने बताया कि रविवार देर रात तीन चिकित्सकों की समिति ने पोस्टमॉर्टम किया और इसकी वीडियोग्राफी भी की गयी। गोरखपुर क्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक केएस प्रताप ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार की घटना में ‘लापरवाही’ बरतने के आरोप में महसी के पुलिस क्षेत्राधिकारी रूपेंद्र गौड़ को हटाकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। इससे पहले हरदी थाना प्रभारी सूरज कुमार वर्मा और महसी पुलिस चौकी प्रभारी शिव कुमार सरोज को निलंबित किया जा चुका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि घटना के बाद दर्ज 11 अलग-अलग मुकदमों में अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने मिश्रा हत्याकांड में नामजद छह आरोपियों में से एक दानिश उर्फ शहीर खान को गिरफ्तार कर लिया।

मंगलवार से कोई अप्रिय घटना नहीं

पुलिस के मुताबिक, इस मामले में पहला मुकदमा रविवार रात मृतक के परिजनों की ओर से छह नामजद और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ हरदी थाने में दर्ज कराया गया था। पुलिस ने बताया कि इसके अलावा अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ एक मुकदमा, हिंदू पक्ष की ओर से दूसरे समुदाय के अज्ञात लोगों के खिलाफ छह मुकदमे जबकि मुस्लिम समुदाय की ओर से घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तनाव ग्रस्त महाराज गंज इलाके में लगातार तीसरे दिन मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद रहीं, जिससे दैनिक जीवन और कारोबार प्रभावित हुआ। हालांकि पुलिस ने बताया कि दोनों इलाकों में और उसके आसपास स्थिति सामान्य हो रही है और मंगलवार से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। जिले में खासकर महसी तहसील के महाराजगंज शहर के 20 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

भारत-नेपाल सीमा पर जाने से बचने की सलाह

पुलिस के एक स्थानीय अधिकारी ने बताया, “मंगलवार से अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। रविवार और सोमवार को हिंसा वाले इलाके में स्थिति नियंत्रण में है।” एसएसबी की 42वीं बटालियन के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने कहा कि उन्हें बल के डीआईजी-आईजी मुख्यालय द्वारा रविवार की घटना के तुरंत बाद सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। उदावत ने बताया, “हमने नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल से बात की है और उन्हें रुपैडिहा (बहराइच) के माध्यम से भारत-नेपाल सीमा पर लोगों की किसी भी अनावश्यक आवाजाही की जांच करने और वहां तलाशी अभियान तेज करने के लिए कहा है।” एसएसबी अधिकारी ने बताया कि यहां सीमा पर आवाजाही आमतौर पर दशहरा के समय बढ़ जाती है।


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