राज्यसभा उपसभापति हरिवंश जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर, नई लिस्ट में नाम नहीं; ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष तो मंगनी लाल मंडल उपाध्यक्ष
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई सूची जारी कर दी है। इसमें 98 सदस्यों को जगह दिया गया है, लेकन जेडीयू की इस नई सूची में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम नहीं है। कुछ दिन पहले ही उपसभापति हरिवंश ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। हरिवंश के उपसभापति बने रहने को लेकर प्रशांत किशोर सवाल उठाते रहे हैं।
ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष, मंगनी लाल मंडल उपाध्यक्ष
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई सूची में ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मंगनी लाल मंडल को उपाध्यक्ष बनाया गया है। केसी त्यागी को विशेष सलाहकार सह मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। डॉ. आलोक कुमार सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है और रामनाथ ठाकुर को महासचिव बनाया गया है। इस लिस्ट में पार्टी के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार हैं। इसके अलावा इस लिस्ट में 98 सदस्यों को पद मिला है।
2018 में राज्यसभा का उप सभापति चुना गया था
बता दें कि पूर्व पत्रकार हरिवंश को 2018 में राज्यसभा का उप सभापति चुना गया था। तब जदयू सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा की सहयोगी थी। 2020 में सदन में पुन: मनोनीत होने के बाद उन्हें फिर इस पद पर चुना गया। पिछले साल अगस्त तक भाजपा और जदयू का गठजोड़ चल रहा था। जदयू ने गठबंधन टूटने के बाद भी हरिवंश के उप सभापति पद पर बने रहने के फैसले का विरोध कभी नहीं किया, लेकिन मई में नये संसद भवन के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने पर हरिवंश जदयू के कई नेताओं के निशाने पर आ गये। तब ललन सिंह ने हरिवंश पर ‘अंतरात्मा को कचरे की पेटी में फेंकने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यसभा भेजा था और उप सभापति के रूप में उनके चुनाव के लिए विभिन्न दलों से समर्थन हासिल करने में मदद की थी। हालांकि, हरिवंश ने इस महीने की शुरुआत में नीतीश के साथ लंबी बैठक की थी और उसके बाद उनके संबंधों को लेकर अटकलों का एक नया दौर शुरू हो गया था।
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